प्रथम मिलन की प्रथम निशा के
प्रथम गाढ़ आलिंगन का
अब क्या बताऊं प्रियतमा तुम्हे
स्पर्श तुम्हारे चुंबन का.....!
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राहत जरा सी.... और आदत जरा सी !
वात्स्यायन ने चुंबन को भी विभिन्न प्रकारों में व्याख्यायित किया है। अधिकांश लोग उत्तर चुंबन, छाया चुंबन, घट्टितक चुंबन, संपुटक, निमित्तक चुंबन और संक्रांतक चुंबन के विषय में जानकारी के अभाव में पूरा आनंद नहीं ले पाते। 😅😅
Spiderman be like:
मेरा कौन सा था??????
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दिसंबर.......!
दिसंबर का पहला दिन और इतवार, सर्द मौसम, शाम का धुंधलका, मंद रौशनी, चाय (Green Tea) , अल्हड़पन से भरा मेरा हृदय कुछ भी बदला नही है, महज कुछ दिनों में नया साल आ जाएगा । गुजरे कई साल नीरव शांतता से भरे हुए थें, ऐसे कई साल और दिन आए और चले गए, इनके बदलने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता। ये साल भी पिछले साल की तरह सन्नाटे के दौर से होते हुए गुजर जाएगा। अपनी कुछ कड़वी कुछ मीठी यादें पीछे छोड़ जाएगा।-
सत्य की शोध में निकले हो
तो तुम्हें जाना होगा
सुख और दुख से परे।
तथागत बनना आसान ना था।
सिद्धार्थ अपने बुद्ध
बनने के सफर पर निकले थे
अदृश्य भिक्षापात्र में लेकर
नन्हे राहुल की मुस्कान
और पत्नी यशोधरा का प्रेम,
तब जाकर बने तथागत।
बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं ।-
ख़्वाहिश ये नहीं कि वो लौट आए,
तमन्ना ये है कि उसे जाने का मलाल हो....!
सीख कर गया है वो मोहब्बत मुझसे,
जिस से भी करेगा बेमिसाल करेगा...
एक आख़िरी मुलाक़ात को बुलाया था उसने मैं नहीं गया,
यूँ न जाकर मैंने बचाये रखी एक आख़िरी मुलाक़ात
दौर काग़जी था पर देर तक ख़तों में जज़्बात महफ़ूज़ रहते थे,
आज उम्रभर की यादें भी एक उंगली से डिलीट हो जाती है ...-
आशा रोशनी की वह मशाल है
जो तुम्हें अंधकारमय जीवन से
प्रगति पथ की ओर
अविरत चलने के लिए
प्रेरित करती है।-
ईश्वर की कृपा है कि
वो ख़यालों में ही सही
हमेशा साथ रहती हैं..
दौर ए मुश्किल में इतना
आसरा सब को नहीं मिलता..-
कर लेते मुझसे बात तो अच्छा होता
रखते हाथों में हाथ तो अच्छा होता
अकेले का सफ़र है मेरा बुरा तो नहीं मगर
तुम सफ़र में होते मेरे साथ तो अच्छा होता।-
पुरुष ने सदैव अपनी
पसंदीदा स्त्री को खोया है,
क्यूंकि स्त्रियों ने चुना
नदी बनना और नदी बनकर
अपने प्रेमी चट्टान के पहाड़ को
छोड़कर समंदर से मिलना
क्यूंकि स्त्रियों ने चुना बारिश बनना
और बारिश बनकर अपने प्रेमी आकाश को छोड़कर
जमीन के सूखे पेड़ पौधों को जाकर मिलना।
ये स्त्रियों का किसी के लिए त्याग है या किसी के प्रति समर्पण?-