थक सा गया था, लोगो को खुश करते करते
बेपरवाह हुआ हुं, तो जिंदगी आराम से कट रही है🙂-
यूँ ना ज़माने को जख्म दिखा अपने,
क्योंकि
मरहम का पता नही,
मगर नमक सबके घर मे होता है🙂-
थक सा गया था, लोगों को खुश करते करते
बेपरवाह हुआ तो ज़िंदगी आराम से कट रही है..!!— % &-
किसी और के हो जाने का
समझौता हम कर सकते थे😢
लेकिन
तुम्हारी साथ जिये हुए मोहब्बत के कुछ लम्हो ने,
बाकी जिंदगी उन यादों के साथ अकेले जीने का हौसला दे दिया🙂
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जबसे बिछड़े हैं , एक आस लगाए बैठे हैं
जिंदा हैं , मगर टूटते साँसों को बचाये बैठे हैं
मिलने आओगी तुम, ये कभी तुम्हारा वादा तो न था
मगर देखने को आना भले ज़रा देर से ही सही
बस इतना जान लो कि
तेरे दीदार के वास्ते हम मौत को उलझाए बैठे हैं-
नही है हाल हमारा तुम्हारे से कुछ अलग
फर्क सिर्फ इतना है कि
तुम हमे याद करते हो और हम तुम्हे भुला ही नही पाते😒😌-
हम नहीं आए यहां किसी की समझ में
हर किसी ने हमें अपने अपने हिसाब
से नासमझ समझा.…!!
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कौन कहता है कि तेरी यादों से बेखबर हुँ
मेरी आँखों से पूछ
कि
मेरी हर रात कैसे गुजरती है🙂-
तुम्हारी ख़ामोशी में छुपे शब्दो को पढ़ा था हमने,
तेरी हर अनकही ख़्वाहिश को अपना मान जिया था हमने
आख़िरी साँस तेरी बाहों में लूँ, एक ही तो तमन्ना थी मेरी
अब किसी और की होने के बाद कह रही हो, ये मुझसे कहना चाहिए था🙂-