अजीब उलझन में उलझा हमारा ये देश है !
दिन तो है आजादी का पर हम सब घरों में कैद है !!
🙏🇮🇳🙏-
कमी कोई न रखना तुम उनको याद करने में,
जीए और मर गए जो देश को आजाद करने में।
वफादारी निभाना उम्रभर उनके लिए यारों,
लगा दे प्राण जो अपने तुम्हें आबाद करने में।।
||वंदेमातरम|| जय हिंद🇮🇳-
"हम नहीं जानते हैं"
वास्तविकता के धरातल पर देशप्रेम
(व्यंग्य)
Caption में कविता-
रिहा हुए हैं हम औरों की क़ैद से जरूर
पर ख़ुद के क़फ़स से आज़ाद न कर सके
इज़्ज़त लुटी तो चीखते चराग़ रौशन किये
फक़त इक दिए को आफ़ताब न कर सके
तब सूट बूट टाई थी अब खद्दर है वहीं पर
बस लिबास की ज़द को बर्बाद न कर सके
गोलियां नहीं मुफ़लिसी मारती है अब यहां
ज़र्द नींव को हम सुर्ख़ बुनियाद न कर सके
हाकिमों ने कारोबार किया है लहू बेचने का
ये खेल रोकने का तरीका ईज़ाद न कर सके
फ़िर भी जश्न- ए -आज़ादी मुबारक़ हो हमें
बस्ती तो है, बस इसे आबाद न कर सके।।-
बेड़ियां तन की खुल गईं आओ मन की खोलते हैं
हम सब मिलकर जश्न ए आज़ादी मनाते हैं
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मां तेरी
मिट्टी में हम
पले हुए है
आई जो कोई
मुसीबत
तुझ पे
तो तेरे ये
लाल खड़े हुए है🇮🇳
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कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है!
हम लहराएगें हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है!!
आप सभी देशवासियों एवं आत्मीय मित्रो को
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
🇮🇳(❁जय हिंद जय भारत❁)🇮🇳-