हे, मैं सुभाष
काम तो पूरा ही किया था, पर
कहानियो किस्सों में, मैं अधूरा हूँ
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तुम मुझे खून दो
मैं तुम्हें आजादी दूँगा
ये नारा था
हमारे स्वतंत्रता सेनानी
सुभाष चन्द्र बोस का
आजादी के उन पलों को
याद करते हुए
मैं उन्हें शत-शत नमन
करती हूँ।-
बहता था लहू में देशभक्ति का जोश
संकल्प शक्ति से था जीवन ओत प्रोत
स्वाभिमान की पहचान थे
झुकना नहीं गवारा था
अभिमान थे वो देश का
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा
दिया ये जुनूनी नारा था
भीख नहीं चाहीए हमको
आजादी है अधिकार हमारा
दृढ़ संकल्पित विश्वास था उनका
उसूलों से बंधा था जीवन सारा
उनके इस बिंदास रौब से खाते थे सब खौफ
निर्माण किया फिर एक सेना का
दिया नाम आजाद हिंद फौज
व्यक्तिव ऐसा जो भर दे नव चेतना ओज
शत शत नमन जय वीर आजाद सुभाष चन्द्र बोस
@_poonam.writes
पूनम राठौर
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आजादी के लिए
सुभाष तुम हौसला थे,
उल्लास थे.
तुम कहाँ चले गए?
हर फ़ौजी का ग़ुरूर, 'जय हिंद'
देश को तुमने बतलाया,
आज़ाद हिन्द फौज बनाकर
आत्म गौरव सिखलाया,
देश आज़ाद हो चला, सुभाष...!
तुम कहाँ चले गए?
लुप्त, विलोपित नौजवान
यदि कहीं खड़ा हो,
धरती पर यदि कहीं
तुम्हारा अंश पड़ा हो,
मिलजाओ तुम...
तुम उसको मिल जाना
खुद मे तुमको खोज रहा
और कर रहा पुकार...
सुभाष बाबू...! हम आज़ाद हुए, तुम कहाँ चले गए.
तुम्हे हम खून भी देंगे और बदले में कुछ न माँगेंगे,
तुम बस वापस आजाओ,
तुम कहाँ चले गए?
'नेताजी'! तुम कहाँ चले गए?
-Sheetal
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खत्म कर दो जिंदगी से,
खत्म कर दो जिल्लतें जिंदगी से,
हमे हक्कीगत बया करना है,
मुझे उन्ही के साथ रहना है जो हम पर मरना पसन्द करता है।-
तुम मुझे खून दे दो
मैं दिलवा दूंगा आज़ादी
गौरव नेताजी देश के
समझा गए हमें आज़ादी,
23 जनवरी जन्म दिवस है
ऐसे पूत का जन्म हुआ
जिसे पाकर भारत माता
का भी आँचल धन्य हुआ,
गर्म खून रगों में बहता
जोश से परिपूर्ण थे
जन्मभूमि को स्वतंत्र करने
दल- बल संग तत्पर थे,
आज़ाद हिंद सेना उनकी
संगठित बलशाली थी
भारत माँ की लाज बचाने
कदम उठाती जाती थी,
चरैवेति संदेश गूंजता
नित सुभाष मुख मण्डल से
लहू खौ लने लगता सबका
शत्रु से दो हाथ करने में,
ऐसा वीर सेनानी निराला
जो विरला ही होता है
ऐसा भारत राष्ट्र हमारा
नेता एक सुभाष ही होता है।
अनिता शर्मा**त्रिवेणी**
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कुशाग्र बुद्धि कुशल रणनीतिकार अलौकिक प्रतिभा
एवम विराट व्यक्तिव के धनी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर सपूत नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के जन्म जयंती के पावन अवसर पर आप सभी राष्ट्र प्रेमी जनो को हार्दिक शुभकामनाएं 😊
जय सुभाष जय विश्वाश-
✍️सुभाष✍️
जब तलक
आसमान में चिराग जिंदा है
दिलों में
हिंदुस्तान के सुभाष जिंदा है
वही है जो
जमीं पे शेर बन के दहाड़ता है
आसमां में
वही उड़ता हुआ परिंदा है-
गालों पर झूलते ये लट
बहुत से सवाल करता है
उसपे आंखों में काजल के पट
हमेशा धमाल करता है
दिल में दस्तक देती ये चूड़ी की खनक
किया मदहोश तेरी पायल की छनक
पलकें झुकाना और गिराना कमाल करता है
उसपे आंखों में...
है कमर कंटीली बेजोड़, रंग गोरा पोर- पोर
बातें सुरीली आंखें नशीली और चेहरा चितचोर
यौवन देख ये दिल भी बवाल करता है
गालों पर झूलते ये लट
बहुत से सवाल करता है....
प्रेरणा: श्री मणिकांत झा जी,मैथिली साहित्यकार।-