मैं अपने ख़्वाबों को सुला आया हूँ
कि अभी बाक़ी है ,अपनों के गिले शिकवे।
यहाँ तमाम इम्तेहान बाक़ी है,अधूरे इल्म अब भी है
कैसे समझाएं एहतराम अपना,उनके अपने हजारों है।
सर कटा दे कैसे कोई अपना , झुक गया जो ख्वाहिशों पर
मरकर हासिल क्या ही होगा, कफ़ारा जीने में ही बयां होगा।।
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Want to explore the solution of women upliftment
ये दुनिया बहुत छोटी है छुप जा... read more
किसी और की फिक्र किसे है यहां
कोई ज़िंदा होगा अगर तो ,गौर फरमाइएगा।।
सब चूर है अपने अपने धर्म की मदमस्तियों में
इंसानियत, बची होगी कहीं,तो वज़ह फरमाइएगा ।।
यहाँ अभी ब्लॉक कर देने का सिस्टम है ,लिख रहा हूं
हम भी ब्लॉक हो गए तो, इत्तेला जरूर फरमाइएगा।।-
कठोर से भी कठोर हो गई है, निजी जिंदगी सब की
उन्हें कोई किनारा नसीब होगा ,तो ही तलाशेंगे
चाहिए क्या इन्हें अभी,दौलत, शोहरत, रुतबा,माथे पर पैशानी
ये घर, घरौंदे, दोस्त ,अभी बेइमानी है, अभी रहने दो
उतरेगा ये नशा जरूर,इन्हें अभी इस जवानी के नशे में रहने दो
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बड़े मशरूफ है चौकीदार यहां के
कोई दरवाज़ा दिखा दो, अब इन्हें।।
मेला लुट जाएगा ऐसी निगेहबानी पर
होश आयेगा फ़िर,तो क्या ही निशा होगा।।
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बेवजह बेवक़्त की खुमारी
नींद से गहरी रही अपनी यारी
छोड़ दो सब,
ये सब है
इस मौसम की बीमारी....-
बड़े आबरू वाले हो तुम
दिखाई नहीं देता, गुनाह क्या है ....
तुम्हें अपने आपे से बाहर देखना होगा
नज़र आएगा कि,तुम अभी भी पर्दे में हो
ज़रा नज़र से नज़र फरमाइए, आइने में हुज़ूर..
काला दिल, काला दिमाग लिए,आगे खड़े नजर आएंगे।।
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पत्नी, संगिनी, अर्धांगिनी महज शब्द नहीं, मूरत है प्रेम की
जो ,किसी गुलिस्ता से बिछड़ कर तुम्हारा बागबानी संवारती है ।।-
कमियां ही जीवन का वास्तविक सत्य है
पूरा करने का दुख
ना पूरा हो पाने का दुख
और इनके बीच का संघर्ष
ही आपका सच्चा कर्म फल है...
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दोस्ती की कहानियों को, फिर से रहनुमा कर दूं
मिले जो पल साथ जीने को ,बस गुज़िस्ता कर दूं ।।
आरज़ू है कि, खींच लाऊ उन पलों को दोबारा
जी भर खेलूं कि ,लाइफ "जुमांजी" सा रौशन कर दूं।।
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एक कहानी हम सबकी
छुट्टियों की , क्लास में चुगलियों की
दोस्तों की तफ़रियों की
चाय की टपरियों की
पढ़ाकू लड़के -लड़कियों की
ना पढ़ने वाले लड़कों की
लेकिन उनकी बाइक पे बैठी लड़कियों की
टॉपर्स के टॉप करने की
हर तरह की मस्तियों की
कभी ना खत्म होने वाली
हम सब की कहानी....
कुछ कही कुछ अनकही कुछ अनसुनी
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