विषम परिस्थितियां आती ही इसीलिए हैं
कि तुम्हारे अंदर की
आत्मशक्ति कितनी प्रखर है
दृढ़ निश्चय का पथ बनाकर
निराशाओं को दरकिनार कर
आत्मविश्वास की मशाल ले
कदम को बढ़ाता चल
मत घबरा आज की असफलता से
लिख दे हिस्से में कामयाबी
मंजिल मिलेगी जरूर जिंदगी के दे रुख बदल
@_poonam.writes
पूनम राठौर
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भुलाए नहीं भूलते भावुकता के वो भाव
भींग के भीनी भीनी भावभंगिमा में
भीतर भीतर भ्रमित करते गए
भोली भाली भाषा का भान जब तक हुआ
भावपूर्ण भाव सब द्रवित हो गए
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शामिल नही था कोई मेरी तन्हाइयों में
जज्बातों में कहीं कोई शोर जरूर था
मेरी सादगी तुझे समझ न सकी
तेरी चाहत का सिलसिला मगरूर था
पर किस्सा मेरी बंदगी का था
और शायद
इशारा जिंदगी का था-
क्या बताएं इस दिल की दास्तां
इबाबत की इसे आदत क्या लगी
टूट के बिखरने को ये मजबूर हो गया-
ह्रदय विदीर्ण शुष्क सी रेत
बना आज मानवता का खेल
करुणा का हो रहा उपहास
जीवन निर्वाह असत्य के आस पास
निरंकुश विचारों में है अस्थिरता
चिंतन मनन से विलुप्त गंभीरता
एक अभेद लक्ष्य जिसका नहीं कोई वजूद
मृगमरिचका सा जिसका रूप
है दौड़ता जा रहा लिए मन में संताप
बिखरता हुआ खुद से लड़ता हुआ दिन रात
सूने नयनों में अभिमान की भाषा
थके से कदम पूंछते क्या है तुम्हारी आशा
ठहर जरा ओ मानव किसलिए ये तन पाया
भूल बैठा मानवता क्यों सत्य से भरमाया
बिसार अपनी भूल को तू श्रेष्ठता का चयन कर
विवेकशील है तू
मूल सिद्धांतों का अनुसरण कर
मत अंधी दौड़ में शामिल
हो जरा तू हो जा सचेत
ह्रदय विदीर्ण शुष्क सी रेत
बना आज मानवता का खेल
@_poonam.writes
पूनम राठौर
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सादगी गुमराह हो जाती है
सच्चाई कहीं खो जाती है
दिल खुद को गुनहेगार समझने लगता है
पल में गायब हो जाती है खुशी
जब हो जाती है शुरू
दीवारों की कानाफूसी
@_poonam.writes-
डूबते सूरज की लालिमा
संदेश दे के जाती है
उजालों की प्रखरता साथ ले के आऊंगा
स्वर्णिम सपनों की दिव्य माला सजाऊंगा
नवचेतना का फिर आके करूंगा सृजन
पाले रखना दिल में
आशा की किरण
@_poonam.writes
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कुछ खामोश अहसास जो
रहते है हर शक्श के पास
दिल की गहराइयों में सांस लेते है
जो होते नही बयां
फिर भी जीने की वजह देते है
खुद ही गिरते खुद ही संभलते
फिर खुद ही खुद को समझाके
मुस्कुरा के लोगो को पैगाम देते हैं
होता है हर पल खास
कुछ खामोश अहसास
गुजरते हैं कभी कभी
जो दिल की उदास गलियों से
पूंछते हैं अपनी मुस्कुराहट का पता
हर फूल हर कलियों से
लबो पे कोई गुजारिश नही होती
अपनी बेबसी की कोई
सिफारिश नही होती
ढूंढते हैं फिर दिल ही दिल
में कोई सुकून का आशियाना
आ ही जाता है खुद से प्रीत निभाना
फिर शब्दों को नया आयाम देते हैं
कुछ खामोश अहसास दिल की
गहराइयों में सांस लेते है
@-poonam.writes
पूनम राठौर
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विचारों की सार्थकता
अपने जीवन में संजोए रहते हैं
अनगिनतिन सपनो के मोती
सादगी में पिरोए होते है
जज्बातों की कश्ती में बैठ किनारा ढूंढते हैं
दिल की गहराइयों में उतर
अपना ही पता खुद से पूंछते हैं
मुस्कुरा के बात करते हैं
दिल ही दिल में रोते हैं
जो सादा दिल होते हैं
@_poonam.writes
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कर देती हैं बयां दिल का हाल
ख़ामोशी से इजहार करके
हो जाते हैं फना कई दिल
निगाहों की मासूमियत में पड़ के
@_poonam.writes-