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झूठ का कितना बड़ा हौसला है
बाज के सर चिड़ी का घोंसला है-
Vinay Tyagi
(विनय_आजाद✍️)
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It's original @विनय_आजाद की कलम से ✍️ writervinayazad ✍️
Joined 23 May 2019
27 APR AT 11:08
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वक्त आने पर खुद पहचान करा देता है
यार के वेष में आता है दगा देता है-
26 APR AT 16:24
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अपने हाथों से अपना नास किए बैठे हैं
आप दुश्मन को अपना खास किए बैठे हैं-
24 APR AT 18:42
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हम शराफत की बस पहचान लिए फिरते हैं
शरीफ मर चुके हम नाम लिए फिरते हैं-
24 APR AT 18:37
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वो कुछ ऐसे हिसाब निकले हैं
हम ही सबसे खराब निकले हैं
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वही जो दिन को रात कहे रहे थे
वही उल्लू नबाव निकले हैं
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आज फिर चांद दुहाई देगा
आज फिर वो गुलाब निकले हैं
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महफिलें बिन पिए शराबी हैं
साद ऐसे शराब निकले हैं
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मेरी परछाई तो पकड़ ना सके
जान लेने के ख्वाब निकले हैं-
23 APR AT 21:38
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न जाने कौन सी बातों को बात कहते हैं
लोग अंधे हों तो दिन को भी रात कहते हैं-
21 APR AT 17:52
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गैर की बात को अपना विनय बताते हुए
चोर आया भी जिगर में तो मुस्कुराते हुए-