Vinay Tyagi   (विनय_आजाद✍️)
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It's original @विनय_आजाद की कलम से ✍️ writervinayazad ✍️
Joined 23 May 2019


It's original @विनय_आजाद की कलम से ✍️ writervinayazad ✍️
Joined 23 May 2019
19 HOURS AGO

✍️✍️
भीड़ का हिस्सा ना बन नई राह तलाश कर
हो चुके जो हो चुके नित्य नए प्रयास कर

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19 HOURS AGO

✍️✍️
सारा जुबां का खेल है कर्मों का कुछ नहीं
दो बोल और राम को वनवास हो गया

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15 JUN AT 22:29

✍️✍️
आप इंतिखाब की फिकर कीजे
चोट का क्या है आनी जानी है
✍️✍️
उम्र कपड़े बदल रही है विनय
मौत का क्या है आनी जानी है

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9 JUN AT 21:45

✍️✍️
तमाशा फिर वही पुराना है
झूठ को फिर से आजमाना है
✍️✍️
जरा सा वक्त चोरी हो गया है
वो कुछ गैरों का आना जाना है
✍️✍️
हमारे गांव घर में जिंदगी है
वहां दालान एक पुराना है
✍️✍️
पुराने लोग बिगड़े फिर रहे हैं
नई चौखट पे आना जाना है
✍️✍️
सियासत खून की प्यासी है विनय
इसका दिल दर्द का खजाना है

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6 JUN AT 20:39

✍️तजुर्बा✍️
क्या जरूरी है हर वादा निभाया जाए
हम भी रोये हैं चलो सबको रुलाया जाए

आम के पेड़ पर जो चढ़ा तो टांगें टूटी
अब इस कमबख्त पर ना और चढ़ाया जाए

सुनो ये दूर तक सुनसान नजर आता है
रास्ता ये राहे शमशान नजर आता है

तजुर्बा से मेरे तु भी कुछ नसीहत ले-ले
चले जिस ओर सब उस ओर ही जाया जाए

तजुर्बा मूर्खता की एक निशानी है “विनय”
खुद गिरे फिसलकर तो सबको गिराया जाए

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6 JUN AT 20:37

✍️✍️
उसकी बातें वही पुरानी हैं
वो एक जमाना है खानदानी है

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6 JUN AT 10:13

✍️✍️
रोज सपने बदल के चलते हैं
रोज अपने बदल के चलते हैं
✍️✍️
हम एक जैसे यूं नहीं लगते
रोज कपड़े बदल के चलते हैं
✍️✍️
खरीद रखे हैं दो-चार दिल
रोज हम दिल बदल के चलते हैं
✍️✍️
रोज बदलाव जरूरी है विनय
रोज हम कुछ बदल के चलते हैं

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6 JUN AT 9:56

✍️✍️
मजाक, रिश्तो से बेहतर नहीं है
कौन सा जहर है, जो घर नहीं है

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3 JUN AT 17:29

✍️✍️
संस्कारों की बात चल रही थी
गुनाहगारों के सिर को ताज गया

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3 JUN AT 17:15

✍️✍️
ज्ञान को जब अहंकार हो जाता है तब वह सबसे पहले आस्था को तमाचा मारता है

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