सुख तो शायद इस दुनिया में नहीं मिलेगा
हर सुखी आदमी सुख ढूंढ रहा है— % &-
प्यार जुदा कर देता है
हमें हर उस इंसान से
ज़िन्दगी में जो हमें
सबसे प्यारा होता है— % &-
तिनका तिनका जोड़ कर
बनाया आशियाना दो पंछियो ने
आंधियो ने रौंद कर
तिनके बिखेर दिये— % &-
देश भक्ति पर शीष कटाना
सिर्फ सैनिकों का काम नहीं
राष्ट्र भक्ति पर बलि है जाना
जिम्मेदारी सबकी है,
सरहद पर रक्षा है करता
प्रहरी की बात अनोखी है
घर के भीतर घुसे न दुश्मन
जिम्मेदारी सबकी है,
लड़ रहे आपस में जब सब
मित्रता की बात अनोखी है
तीसरा कोई न लड़वा जाए
जिम्मेदारी सबकी है,
ऊँचा ध्वज लहराते देखना
खुशी हम सबकी है,
ध्वज पर कोई आंच न आए
जिम्मेदारी सबकी है।
अनिता शर्मा**त्रिवेणी**
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वही हैं दिन,वही हैं रात,वही मै और तुम
किसे ढूंढती नज़र,फिर बताओ मुझे कसम-
दिया वक़्त मैंने ज़िन्दगी भर का सारा
उस इक लम्हे की कीमत क्यों न जान पाए?-
सदाचार ,सद विचार से
होती तेरी पहचान
दुःख दूजे का समझ सके
हो तेरी पहचान।
काम जो दूजे के भी आए
मूक प्राणियों को भी भाए
दुआ यदि न मिले किसी की
बददुआ भी न लग पाए
व्यक्तित्व तेरा इतना हो धनी
जहाँ कहीं गर खड़ा हो जाए
पहचान न पूछे तेरी कोई
सौ में एक अलग नज़र आए,
इतना उम्दा हो तेरा हर कदम
कि घर से निकले
और पड़ोसी को भी
खुशबू आ जाए।
अनिता शर्मा**त्रिवेणी**
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तुम मुझे खून दे दो
मैं दिलवा दूंगा आज़ादी
गौरव नेताजी देश के
समझा गए हमें आज़ादी,
23 जनवरी जन्म दिवस है
ऐसे पूत का जन्म हुआ
जिसे पाकर भारत माता
का भी आँचल धन्य हुआ,
गर्म खून रगों में बहता
जोश से परिपूर्ण थे
जन्मभूमि को स्वतंत्र करने
दल- बल संग तत्पर थे,
आज़ाद हिंद सेना उनकी
संगठित बलशाली थी
भारत माँ की लाज बचाने
कदम उठाती जाती थी,
चरैवेति संदेश गूंजता
नित सुभाष मुख मण्डल से
लहू खौ लने लगता सबका
शत्रु से दो हाथ करने में,
ऐसा वीर सेनानी निराला
जो विरला ही होता है
ऐसा भारत राष्ट्र हमारा
नेता एक सुभाष ही होता है।
अनिता शर्मा**त्रिवेणी**
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कठिन है राह मालूम ,उस पार फिर भी जाना
लहरों संग खेलते हम,न जानते यूँ रुकना,-