किसकी किस्मत में क्या लिखा है।
ये कौन जानता है, पर उसकी किस्मत जरूर
बदलती है, जो मेरे साई नाथ को मानता हैं।।
ॐ श्री साई नाथाय नमः🙏-
.... मोहब्बत....
मोहब्बत का रंग जब भी चढ़ता के
उसका निखार चेहरे पे साफ दिखाई देता है..-
मेरे साईंनाथ ....
सुख की आस में साईं तेरे द्वार पर हूँ आया ,,
खुशियों से मेरी झोली भर दो मेरे दाता !!
जीवन में मेरे छाया अँधेरा है ,,
अपनों का प्यार जाने कहाँ खोया है ??
मेरी जीवन की नैया की थाम लो पतवार ,,
फिर से बसा दो मेरा ये घर संसार !!
तेरे ही द्वार पर ही मेरी समस्या का समाधान ,,
मुसीबतों को मेरी हर लो हे दयावान !!
मेरी ये इतनी सी विनती कर लो स्वीकार ,,
आँगन में मेरे भी रोशनी भर दो हे साईंनाथ !!
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क्यों इतना खुद को तकलीफ दे रही बोल.तबियत ख़राब दवा भी नही ले रही sr क्या कह रहा,बोल तो सीधा घर आकर बात करूं उससे,तुझे हमेशा के लिए ले जाने के लिए.सुबह सुबह तुझे रुला रहा.यूँ ही तबियत ख़राब में काम करती रहेगी तो हालत बिगड़ जाएगी.बार बार मुझसे ही अपना गु्सा निकाल रही.बाबा मै चाहता हूं सारा गुस्सा मुझपर निकाल रो ले मेरे कंधे पर सर रख रो जिना रोना है.यूँ फिर बोली के कहीं चली जाऊंगी.पागल वाली बातें न कर.बोला तो तुझे.साथ हुँ यार.वो ज्यादा तंग कर रहा.. उल्टा सीधा गलतगंदी बातें बोल सकता तुझे.क्यों उसके साथ रह रही.चल बाबा सब ठीक ही जायेगा.करूंगा सब ठीक.अगर नही बोलना तो मत बोल मेरे साथ.पर चल तेरे रहने का pemanat arrange करवाता हुँ..जॉब करनी है तो ठीक वरना तेरी मर्ज़ी.जॉब की बात या अपना ऑफिस खोलना है तो वो भी.बस यूं गुस्सा मत हो.bp बढ़ जाएगा.ओर कोई नही अगर अब तबित खराब भी हो तो मेरी जिम्मेदारी है तुझे dr के ले जाने की.ज्यादा घमण्ड आये तो fes खुद दे दियो समझी😊
चल अब छोड़ यू परेशान होना.सब कुछ सही तेरे मुताबिक होगा.विश्वास सब बना रखा है तू बस आकर देख तो सही
क्यों रह रही वहां इतनी परेशान है तो
अब कह रहा मत कर चाहे pol,कागज़,wom cl,ऐसे ही आजा बस खुश रह यार
मनाना मुझे हीहै तो मना रहा हूँ,सब लिखते के ज्यादा मनाने से इज्जत नही ओर सामने वाला ज़्यादा दूर या गुस्सा होगा पर मेरी बीवी तू इस बात को गाँठ बांध
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ठहर जाते गर तो सड़ जाते एक जगह पे खड़े खड़े
चलने का हुनर बक्श के तूने हमें मालामाल कर दिया।
सोच बदलती है तो बेहतर है,,हर काम तेरा यार🙏🙏कमाल कर दिया।।-
चाहे अगर ख़ुदा,
तो बुला ही लेता है दरबार में अपने
आए एक मुश्किल या हज़ार,
हर लेगा वो हर विघ्न को
उसके बुलावा आने पर
कोई मुश्किल कैसे रोक पाए हमें?-
ज़ेब में नहीं है फूटी कौड़ी दर्द की आँखे आई है,
फिर भी देखूँ जहाँ जहाँ तक सब कुछ साई साई है,-
साई संग
समय यह कठोरतम, पथरीले डगर जैसा
हिम्मत बाँधी है मैने, तेरे साथ मुझे डर कैसा।।-
अगर चाहते हो दीदार तो नजरें जमा कर रखना,
किस्मत हो या नकाब बदलता जरूर है।-