राम, कृष्ण, बुद्ध या साई की मुस्कान का रहस्य है करुणा भाव।
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Writing here gives wings to my words.
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वादों संग है डोर बंधी,
कुछ खुद से किये,
कुछ अपनों से,
निभाया भी इस कदर,
जैसे आसमान टूट पड़ा हो।
बस ढलती उम्र के साथ,
इनकी खूबसूरती समझ आ रही,
वादा, भरोसा, दिलासा,
सब हैं साथ चलते,
उम्मीद जगाते,
भावनाओं को नियंत्रित कर,
कश्ती को डूबने से बचाते।
ज़रूरी है हर वादा,
जो खुद को जीने की राह दिखाए।।
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जता दिया उन्होंने इश्क़ बेबाक, सिर्फ कहने से क्या होता,
अंगारों से लड़ गए हम, सिर्फ कुबूल करके क्या होता।।-
प्यार, यार और उसकी मुस्कान,
जब भी जिक्र हो उसकी,
मां बाबा के सितारे,
बच्चों के हैं पापा प्यारे,
बस इशारों पर हो जाते काम सारे,
बेकाबू मन होगा ही,
जब ध्यान रखने वाला,
तुम्हें देख इतराए,
बिन कुछ कहे,
गुलदस्ते की महक भर जाए।।-
Hi mom,
Middle aged now,
I only want to
say sorry!
Sometimes stubborn,
I only understood your love,
As a mom myself,
The love and happiness,
In your eyes,
The friendly updates,
The elderly advices,
The prayers abundant,
The support magnanimous,
Pure love of yours I cherish,
Looking upto you,
Learning the lessons,
For a mom,
Nothing more matters
Than her children's gleeful moments.
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कलम मन मौजी जीना सिखाए,
नित नए नए चेहरे दिखाए,
पढ़ लूं मन भी किसी का, इस बहाने।।-
The worries dancing
with the unknown pals,
Intuitions turning
Into nightmares,
When the day nips
Off the hope with a misery,
The sleep vanishing
Without a warning,
Yeah! Still morning
Illuminates the rooms,
Warmth healing
The saddened heart,
Everything happening
At its own pace,
Thinking
Alone races with time!
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ब्लैक आउट हो रहा कहीं,
कहीं आवाज़ है थम चुकी,
मोहल्ले हैं खाली कहीं,
कहीं रुदन से भरी हुई।
कसम खा रहा हर जवान,
सीमा की ओर करते कूच,
कह रहा सुरक्षित होंगे हम,
अब वक्त नहीं करने का संकोच।
आओ हम भी शान्तचित्त हों,
जुनून हममें भी कम नहीं,
आओ हम सब एकजुट हों,
अब डरने का समय नहीं।।-
मैं एक तिनका
पहचान किसी कि न अहम,
जब खड़ा होता भक्त तेरे सामने,
पसारे अपना झोला मन्नतों का,
तूझे है सब खबर, ऐ साई।
न भटकने दे तू उसको,
जो दृढ़ विश्वास रखे,
मैं भी एक ऐसा तिनका,
तुझे है सब खबर, ऐ साई।।-
भारत माता की जय,
हर जवान की जय,
हर सिपाही की जय,
जो थामे है दिल में प्रलय।
हम नहीं हैं बुज़दिल कतई,
हर प्रहार का जवाब देंगे,
आतंकवाद जो है बिमारी,
इसको अब न पनपने देंगे।।
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