और तुम समस्त फ़िज़ाओं में
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Neeraj Ramesh Rishi
(नीरस)
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जब तक सांसें है तेरा ही हूँ... सांसों के बाद भी तेरा ही हूँ... हर जन्म... हर काल.. हर ... read more
Joined 19 January 2017
25 DEC 2024 AT 12:06
उस रोज जो उस नकचढ़ी का गुस्सा शांत हो जाता
आज वो SAINTA की कैप पहन मेरी पीठ पे बैठी होती.. !
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11 DEC 2024 AT 13:38
धूप को
एक गुमनाम चिट्ठी
उसके नाम की देता हूँ
सूर्य को अर्ध्य देते हुए...
वो इन सर्दियां जब कामपर निकलेगी..
मेरी कलम उसके जिस्म पर उकर जाएगी..
वो मुस्कुराहट से भर जाएगी... !
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25 NOV 2024 AT 17:08
किसी शाम तुम मायूस होकर
टपकेश्वर महादेव की ओर जाओगी..
तो रास्ते मे लीचीयों से लदे लोग मिलेंगे..
खाने के बाद.. उसमें जो कड़वाहट आएगी
तो उस रेहड़ी वाले को मत कोसना.... ,
वो जिस पेड़ पर लगी होगी..
मैंने उसे रोपा होगा... !
बिछड़ने के बाद.. अक्सर...
प्रेम की चीज़ें कड़वी सी लगने लगे तो समझना..
प्रेम अब भी तुम्हारे भीतर.. गुंजयमान है... !
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10 NOV 2024 AT 1:04
प्रेम के सौ लम्हो पर भारी रहा
एक वो गुस्से में लाल होना उसका
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31 OCT 2024 AT 19:26
तुम आना..
तो आज...,
लक्ष्मी के रूप में आ जाना...,
हमतुम सितारों संग दीपावली मनाएंगे... !
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