ख़ामोशी को अक्सर गलत समझा जाता है
एक इंसान के चुप्पी के पीछे हज़ार बातें दबी है।
ख़ामोश है इसका ये मतलब नहीं कि
सामने वाला सही है और हम ग़लत
बल्कि इसका ये मतलब होता कि
हम अपने मन की शांति को
लड़ झगड़ कर खराब नहीं करना चाहते।
लेकिन बातें जब बाहर आयेंगी
तब एक भयानक तूफ़ान आएगा
जो सब डुबा ले जाएगा अपने साथ।-
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अहंकार बर्बादी लाया है हर बार
अहंकार ने रिश्तों की बलि ली है हमेशा।
अहंकार एक अंधकार है जो सब को
ले। डूबता है अपने साथ।
अहंकार ज्वाला है, तूफ़ान है जो
रिश्तों की कदर नहीं करता।
बेशक़ अहंकारी इंसान जीत जाए आज
लेकिन वो सब कुछ हार जाता है हमेशा के लिए।-
न जाने क्यों ऐसा लगता है कि
किसी से कुछ बोलना ही नहीं चाहिए।
किसी से अपना ग़म, दुःख बांटना ही नहीं चाहिए।
कभी-कभी हमारे अपने ही हमारी बातों को
हमारे खिलाफ इस्तेमाल कर देते हैं।
किसी का गुस्सा किसी और पे निकाल देते है
और ऐसे पेश आते हैं कि ग़लती हमारी है।-
बिना किसी के गलती के
उन्हें सज़ा देना कितना सही है?
बिना उन्हें उनकी गलती का एहसास दिलाए
क्या उनसे बात करना लाज़मी है?-
वो क्या है न बोल देने के बाद
सामने वाले इंसान को
कितना बुरा लग सकता है,
कितनी चोट लग सकती है,
कितना दुःख हो सकता है
इन सभी बातों का अंदाज़ा लगाना
बहुत ही ज़्यादा मुश्किल हो जाता है।
इसलिए कहते है सोचिए फिर बोलिए।-
हर लड़की ये चाहती है कि
मायके जा कर रह सके सुकून से शादी के बाद,
मगर हर लड़की इतनी भाग्यशाली नहीं होती
जो उसको दोनों घर से मिले पूरा सहकार।
दब जाती है जिम्मेदारियों के तले वो भी
अगर ब्याह के जाए संयुक्त परिवार में।
अक्सर, न छूटने वाले कुछ बंधन होते हैं
जो शायद बाँध कर रखते हैं उसको हर बार।
बैठा हो अगर कोई ससुराल में भरने पति के कान,
क्या वो रह सकती है मायके के निश्चिंत?
कैसे रहे वो मायके में खुशहाल
ये जान कर कि उसके पीठ के पीछे
भरे जा रहे है उसके पति के कान।-
वो क्या है न एक लड़की के जीवन में,
या तो माँ या फिर पति का समझदार होना बहुत ज़रूरी है।
दोनों अगर निकले नासमझ,
फिर लड़की पिसती रह जाती है ज़िंदगी भर।-
ನನ್ನದಲ್ಲದ ವಿಷಯಕ್ಕೆ ತಲೆ ಹಾಕದಿರು, ಓ ನನ್ನ ಮನವೇ
ನಿನಗೆ ಸಂಬಂಧವಿಲ್ಲದ ಜನರಿಗೆ ತಲೆ ಬಾಗದಿರು, ಓ ನನ್ನ ಮನವೇ.
ನಿನ್ನ ಬಗ್ಗೆ ಇದ್ದರೆ ಕಾಳಜಿ, ಪ್ರೀತಿ, ವಾತ್ಸಲ್ಯ ಅವರಿಗೆ
ಇಂದು ಎಂದೆಂದೂ ನಿನಗೆ ನೋವು ಮಾಡಲಾರರು.
ನಿನ್ನ ಬೆಲೆ ಅವರಿಗೆ ಇಲ್ಲದಿದ್ದರೆ, ಪ್ರೇಮದ ಬದಲಿಗೆ
ಕೊಡುವವರು ದುಃಖ, ನೋವು ಮಾತ್ರ ನಿನಗೆ.
ನಿನ್ನ ಕಾಳಜಿ ನಿನಗಿರಲಿ ಮರೆಯ ಬೇಡ ಎಂದಿಗೂ
ಇರಲಿ ನಿನ್ನ ಬುದ್ಧಿ ನಿನ್ನ ಕೈಯಲ್ಲಿ ಸದಾ, ಓ ನನ್ನ ಮನವೇ.-