QUOTES ON #सवारी

#सवारी quotes

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20 FEB 2020 AT 14:56

लड़कों को उस समय
सबसे ज्यादा गुस्सा आता है।
जब ऑटो में 2 लड़कियों के
बीच में लड़का बैठा हो तब
तीसरी लड़की के आने से
ऑटो वाला बोले...

"भाई तू आगे आजा"
😅😂😂😂😂😂

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14 APR 2020 AT 6:37

इश्क़ में कभी उधारी न करना
कभी घमंड की सवारी न करना
चाहे जैसी भी संकट की स्थिति हो
देश से कभी गद्दारी न करना

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16 APR 2019 AT 21:11

बरखा रानी की सवारी बिन मौसम जो आई है,
ईस लिए कुछ ज्यादा ही योर क्वोट पर छाई है। 🙏🏻

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27 SEP 2017 AT 23:17

सुंदर सपनों की सवारी
करें आँखें तुम्हारी
आए नींद प्यारी प्यारी
जो भी चाहो पास पाओ
जब खुलें आँखें तुम्हारी
Good night
Sweet dreams

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15 JUL 2020 AT 9:01

कही,
जिसे भी
यह दास्तान सबको
अपनी सी ही लगी
जब गुझरे खुद पर
दुनिया को वह ही
एक नेक लगी
हर मुसाफ़िर को
अपनी ही सवारी
बड़ी शानदार लगी......

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31 MAY 2020 AT 11:00

11 नंबर की बस।

बहते चलते लंबे पथ पे,
फर्राटा भर्ती देखो दुनिया छुप रही है।
किसी ने पेट्रोल डीजल सीएनजी
तो किसी ने 11 नंबर की बस पकड़ रखी है
जिसके पास नहीं है देने को सेल्फी
उसने सड़क की फुटपाथ जकड़ रखी है
हाथों में बैग,संदूक और दूजे हाथ में रोटी का टिफन
तन से बच्चों को बांध रखा है पल्लू से अपने
तपती धूप से चांद की चांदनी में संघर्ष आंखों से बहता
पैरों के छाले बिन चप्पल चले जा रहे हैं।
रोड़ी पत्थर कंकड़ सभी जानते हैं उसके हाथों की थाप
शायद इसलिए उनके पैरों के नीचे बिछते जा रहे हैं ।
चढ़ा ज़िन्दगी के साथ बीच मझधार में शरीर को मुर्दा
बोलकर रेल से निकालकर स्टेशन पर लिटाया जा रहा है
बेअश्क होकर खींच रहा है बालक उसका
महज़ जो चार साल के अंदर दो महीने भूख से सताया हुआ है।
कुत्ते की तरह हफ्ते इंसान को बस,रेल के नीचे आराम करते बताया जा रहा है।
कितनी सच्चाई है, इश्तेहार के आखबरो में
की सुनसान सड़क पे पत्तों का पत्त झड़ गर्म हवाओं से काबू में है।
जिन्होंने सवारी कर रखी है 11 नंबर के बस की मका तक जाने को
उनके बहते लंबे पथ ने कुछ और ही तैयारी कर रखी है।

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1 JUL 2020 AT 10:31

हम लिखते है, हमें कितनी बेकारी रहती है।
जैसे इम्तहां के पहले की मेरी तैयारी रहती है।

तेरे किरदार अलग है तो हम भी फनकार नहीं,
हम बात करते है, और शायरी जारी रहती है।

मुझमें मेरा अब ज्यादा कुछ बचा ही नहीं,
थोड़ी जो कुछ भी बची है खुद्दारी रहती है।

इन आसमानी बुंदों से खुद को क्या बचाऊंगा,
ये बरसाती भी इन जिस्मों पर भारी रहती है।

मेरे रक़ीब कैसे जाने हुनर दो मीठे लबों के,
लहजों में शहद और बातें दो धारी रहती है।

जायज़ है चोट मिलनी है तो शौक से मिले,
रास्ता अपना और अपनी सवारी रहती है।

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24 DEC 2019 AT 18:10

किसी ने ठीक ही लिखा है कि "सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेदार है"
प्यार में पड़े इंसान को भी पहले ही बोल देना चाहिये कि "आशिक अपने सामान (💔) का खुद जिम्मेदार होगा"

सोचने वाली बात है कि नहीं?🙂

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26 DEC 2017 AT 7:16

जिदंगी एक राही 🚲 उसी का मैं एक सवारी

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दिखावे की यारी और शेर की सवारी!
किसे आएगी रास, किस पे पड़ेगी भारी?

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