Gaurav Soni   (GS (Shabdon ki duniya))
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Joined 9 December 2019


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7 OCT 2024 AT 23:36

हम उनके दिल में ना सही
मगर
उनकी Block list में तो है
Atleast
उनके फोन के किसी छोटे कोने में ही सही
मगर
हम महफूज तो है।

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12 AUG 2024 AT 5:09

तू वो ख्वाब है जो पूरा होकर भी पूरा नहीं है
तू वो लम्हा है जो हसीन होकर भी हसीन नहीं है
कैसे बयां करुं अब मैं अपने दिल की वो दास्तां
इस "बेरहम" दुनिया में भी ये दिल मेरा बेरहम नहीं है

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13 MAY 2024 AT 21:12

बेरंग जिंदगी की तस्वीर को अब चित्रकार चाहिए
जो उम्मीद के चटक रंगों से इस जिंदगी को रंगीन कर दे।

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5 NOV 2023 AT 8:34

चंद लम्हों की दूरियां भी एक बड़ा सफर सी लगती है
बड़ी अजीब सी कश्मकश है मगर फिर भी अपनी सी लगती है
उनकी बातों में अब खो जाने को कमबख्त ये दिल चाहता है
उनकी प्यारी सी मुस्कान भी न जाने क्यूं अब अपनी सी लगती है

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10 JUN 2023 AT 17:43

इस चेहरे के पीछे छुपे होंगे कईं और चेहरे नए
न जाने किन बातों और परेशानियों को लिए
कोई शख्स इस चेहरे की और खींचा चला जाए
और कर डाले बर्बाद जिंदगी अपनी फिर लौटकर ना आए

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18 APR 2023 AT 11:48

🙂🙂

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28 DEC 2022 AT 21:44

You can not feel that "Real pain" when until it comes to you.life is too short and every little moment of this life is an event.we should feel every single moment of life as a lesson and try to learn something from it.
If someone is ignoring you then let them ignore.you have your own life so you should keep focusing on your own life story.stay focus on your goal and stay away from those people who don't care about you.maintain a proper distance from these type of people and erase them from your life as soon as possible.

Real pain is nothing but just a game of old memories which hurts you again and again.

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8 NOV 2022 AT 0:06

लौट आया है आज फिर से कोई
मगर मुझे महसूस ना हो पाया
मौजूदगी दायर करा कर अपनी
इक शोर भी वो कहीं ना कर पाया
जल कर किसी आग में वो कहीं
अपनी उमंग को वो बुझा ना पाया
चलता रहा बस अपनी धुन में
मगर इक शोर वो कहीं ना कर पाया
राख बन चुकी थी उम्मीदें उसकी
मगर हौसलों में काफी दम था
देखा जब मुझे उसने एक दफा
दिल में शोर काफी कम था
कमजोर बुनियाद के सहारे उसकी
दुनिया जर्जर दिख रही थी
अतीत के पन्नों को देखा जब पलट कर
तबाही अब मेरी हो रही थी
उसकी आग से मैं अब बच ना सका
सुकून भी अब मेरा उड़ने लगा
महसूस हुआ अब मुझे वो सब कुछ
मगर फिर भी कहीं कोई शोर ना हुआ

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23 MAR 2022 AT 9:50

हर दिन ढ़लने के बाद मैं नई सुबह का इंतजार करता हूं
देख ना लूं तेरा चेहरा तब तक इस दिल को सुकून नहीं मिलता
मैं हर रोज ख्यालों के गहरे समंदर में अपनी कस्ती चलाता हूं
देख ना लूं कोई तूफान तब तक इस दिल को सुकून नहीं मिलता

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19 MAR 2022 AT 18:05

तू खफा था हमसे इस कदर जैसे कागज बिना कलम और कलम बिना स्याही
हम जी तो रहे थे जिंदगी मगर तेरे बगैर अब सुकून ना था,बस थी तो सिर्फ तन्हाई
तू याद करे या ना करे मगर हम मुसलसल तुझे याद किया करते किसी हमसफर की तरह
गर याद कभी हम आए तुझे ऐ दोस्त तो पुकार लेना हम चले आयेंगे उसी बचपन की तरह

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