नीम हकीम खतरा ए जान,
अल्पकरी विद्या भयंकरी,
अर्थात्-
(अधूरा असत्य ज्ञान विनाशकारी होता है)
पढ़ेलिखे को समझाना आसान है,
अनपढ़ों को समझाना भी आसान है,
पर साक्षरों को कोई कैसे समझाए?
जो स्मार्टफोन चलाना जानते हैं,
जो केवल व्हाटसअप सोशलमीडिया के
मैसैज को ही परम सत्य मानते हैं,
जो न्यूज मीडिया पर भरोसा नहीं करते,
जिनको सबसे पहले सबसे ज्यादा मैसेज
फारवर्ड करने का खिताब जीतना है,-
शाटाक
😣😣
अगर पत्नी की बहिन यानि कि साली
जीजा की आधी घरवाली होती है तो
फिर तो पति का भाई यानि की देवर भी
भाभी का आधा घरवाला होना चाहिए
अगर
आप साली में बहिन या बेटी जैसा भाव
नहीं रख सकते तो पत्नी से उम्मीद क्यों
कि वो देवर को भाई या बेटे जैसा माने
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बड़ी बहू की सीट
आरक्षित होती है
पिछड़ों की तरह
चाहे वो फर्स्ट आए
या लास्ट
😏
छोटी बहू को अपना
हंड्रैड पर्सेंट देना पड़ता है
अपनी सीट पाने के लिए
सामान्य की तरह
😂
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जेठानी जी!देवरानी समझो
या नौकरानी
रहुँगी तो मै रानी ही
क्योंकि
मेरा पति
अपने मन का
राजा है
बीबी का
गुलाम
नहीं
😂-
सुंदर,काबिल,शरीफ़,मिडिलक्लास
लड़के को नापसंद करके ..
पिता ने..अपनी अत्यंत सुंदर पुत्री का विवाह बेमेल,निकली हुई तोंद वाले,बदसूरत,
किंतु पैसे वाले परिवार का सरकारी ऑफीसर
लड़के के साथ कर दिया..आखिर समाज में....
लड़की के पिता का भी स्टेटस बढ़ गया।-
सिंदूर लगाना चाहती हूँ..सूनी माँग मुझे भी नहीं भाती
पर कैमिकल के सिंदूर से बाल सफेद,खुजली नहीं जाती
बिंदिया ने माथे पर खुजली वाला सफेद दाग छोड़ा है
सुहाग का सिंगार फायदे का व्यापार बनाकर छोड़ा है
मर्दों को भी साथ चलती हुई पत्नी कहाँ भाती है
इसीलिए अब सुहागन भी गर्लफ्रेंड सी बन जाती है
सिंदूर चूड़ी अवसरों पर ही सही पर रिश्ते के
संस्कार हो पती पत्नी मे श्रद्धा हो मान हो प्यार हो
मैने देखा है..उन औरतों को भी जो बिंदिया सिंदूर
लिपिस्टिक से सजी लाल हनुमान सी बन जाती हैं
और पति को गुलाम की तरह गालियाँ देती हैं
और चप्पल जूते चलाती हैं..क्या फायदा ऐसे
सिंदूर बिंदिया के दिखावे से..जब किसी और
के साथ भाग जाती हैं..
संस्कार और संस्कृति दौनों को ही बचाना है
पहले जैसे ऊर्जा प्रदान करने वाले सिंदूर बिंदिया
काजल मेंहदी महावर मिले तो हमें भी रोज लागाना है
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त्यौहारां री शान छै
रिश्ते रो अभिमान छै
रक्षाबंधन भाई बहिन रे
प्रेम री पिछाण छै-