यकीन होना चाहिये
तन मन धन से बस प्रयास बेहतरीन होना चाहिये
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मन शांत हो तो मुश्किल स्वयं ही
राह दिखाती है
कुछ छड़ विवेक को साध लिया तो
विपदा टल ही जाती है
जब जब विपत्ति आती है वो समाधान
संग लाती है
जब राह नही कोई सूझे तुम बुद्ध की
सुध बिसरा लेना
तुम मध्यम मार्ग अपना लेना।
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क्या बस ये मौत ही समाधान है
परेशानियों का एकमात्र निदान है
बूढ़े माता पिता पीछे छूट जाए
छोटी बहनों के लिए तू शान है
ठहर जाता दो पल को तो
सोचता उनके बारे में भी
जिनकी बसती तुझमें जान है
क्यों भूल गया तू अपना भूतकाल
क्या उंगली पकड़ इसीलिए बड़ा किया
क्या तू जिंदगी से इतना परेशान है
क्या बस ये मौत ही समाधान है
रोती बिखलती आंखें तुझको ही खोजेगी
बहनों की राखियां बिन हाथ ही भटकेगी
क्या सारी समस्यों से छुटकारा पा गया
की कुछ लोगो का जीवन पहाड़ सा बना गया
तेरे हाथ क्यों नहीं कांपे क्या तू न दयावान है
क्या बस ये मौत ही समाधान है।-
समाधान हर मुश्किल का है
पर खुद को समझाना बड़ा मुश्किल है
कभी कभी दिल का खालीपन बहुत डराता है
कुछ बुरा तो नहीं होगा इसका अहसास कराता है
फिर भी जीना तो होगा दुख और दर्द सहना तो होगा
हौसला तो रखना ही होगा टूटी हुई उम्मीदों को फिर से जोड़ना ही होगा-
बस हमे अपनें नजरियें को बदलना हैं,
ऐसे मुश्किलों में ख़ुद को काबिल बनाना हैं,
मुसीबतें तो आती जाती रहेगीं
क्यों कि हमें पता है..
समाधान हर मुश्किल का हैं..!!-
मुख सुखी करण्याची भिन्न धमक
भेगाळलेल्या हाती 'तिच्या',
अविरत राबायची तयारी 'तिची'
बरसवण्या सरी सुखाच्या...
स्वयंपाक घरंच हक्काचं स्थान 'तिचं'
चार भिंतीत वसलेलं विलक्षण नगर,
'ती' स्वतःच त्या नगराची सम्राज्ञी
म्हणूनच निर्मळतेला फुटलाय बहर...
नगरी या मोल न कसले
अलंकार ना अहंकाराला,
साधं लुगडं, बांगड्या,कुंकू
आणि 'तिचं' बहुमोल हास्यच सोबतीला...
भाकरी थापून हस्त 'तिचे' अलगद
थापलेल्या भाकरीला तव्याच्या स्वाधीन करतात,
चटक्यांची दहशत पेलवत भाकरी भाजते 'ती'
टोपल्यात भाकरी जाता नयनपाकळ्या 'तिच्या' आनंदी होतात...
भाजी-भाकरीचा तृप्त घास
शिणलेल्या मनास लाभलेलं मौल्यवान धन,
तत्क्षणी पूर्ण होई 'तिची' इच्छा
होती धडपड केवळ "पाहण्यासाठी ते समाधानी मन"...-
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बस कोशिश करते रहना चाहिए।।
समाधान हर मुश्किल का है,
बस मन को शांत रखना चाहिए।।
समाधान हर मुश्किल का है,
बस धीरे-धीरे ही सही लेकिन,
आगे बढ़ते रहना चाहिए।।
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है जितना आसान ये कहना,
अमल में उतना ही मुश्किल है,
मजबूत मन,ऊंचे होंसले और
गहरे विवेक की सख़्त जरूरत है।
संघर्ष करना ही समाधान नहीं है,
दूर हो जाना भी समाधान ही है,
अगर हमारा आकलन कहता है कि,
इन मुश्किलों का उचित निदान यही है।
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कशातच समाधान नाही,
हे समजुन दुःख आपण मिरवतो।
सुंदर आणि आकर्षक एक मानुन,
आपण निर्णय चुकीचा घेतो।।
सुंदर असण्यापेक्षा समाज,
सुंदर दिसण्याला जास्त कल देतो।
सुख बघण्याचा दृष्टिकोन न ठेवता,
कालांतरानं दुःखाचे वारे झेलतो।।
सुख हे नेहमी भोगण्यापेक्षा,
समजण्यात अधिक असतं।
ह्याची जाणीव सतत व्हायला,
काहीतरी ध्येय असावं लागतं।।
एखादी गोष्ट मिळावी म्हणून,
दुःख बाळगून तिच्या मागे लागतो।
ज्या क्षणी ती आपल्याला मिळते,
तो खरा सुखाचा क्षण असतो।-