मुझे एक बात समझ नहीं आती कि,
अगर एक भैंस या गाय लड़के को जन्म दें यानि नर बछड़े को जन्म दें तो हमारा घर और समाज दुःखी हो जाता है और वहीं अगर मादा बछड़े या बछिया को जने तो ख़ुश हो जाता हैं । ठीक इसके विपरीत मनुष्यों में स्त्री की स्थिति होती है ……अगर एक स्त्री नर को जने तो हमारा घर ,परिवार और समाज हर्षोल्लासित हो उठता है और यदि वहीं मादा यानि एक लड़की के जन्मने से दुःख भरा माहौल हावी हो उठता है । क्या स्त्रियों की दशा मवेशियों से भी कहीं ज़्यादा दयनीय है ?????
इस विषय पर आप सभी के विचार आमंत्रित हैं ज़रूर दीजिएगा 🙏🏻🙏🏻-
UG (SPMC,DU)
PG (DRC, DU)
B.Ed (MDCE, MDU)
CTET
"ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर... read more
एक लंबे समयावधि के उपरांत एक बार पुनः योर कोट पर अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिए मेरा आगमन हुआ है । इस लंबे समयावधि के उपरांत आगमन का सबब यह है कि सहसा मेरा फ़ोन ख़राब हो जाना और इस प्लेटफ़ॉर्म का पासवर्ड रिकवरी न हो पाने की वजह से मेरी अनुपस्थिति । आप सभी रचनाकारों का अनुरोधात्मक रूप में एक बार पुनः मैं अपने पेज पर स्वागत करती हूँ और आशा करती हूँ कि पहले की ही तरह या उससे बढ़कर ही आप सभी मेरे विचारों को महत्व देंगे । 🙏🏻💐
-
हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में ,हिंदी वो है -
जो मेरे होठों पर अपना अधिकार जमाए बैठी है ,
जो मुझे अपने होने में पूर्णता का आभास कराती है ,
जो जीवन में संचालक की भूमिका में है,
कुछ न कह पाने की असमर्थता में मुझे शब्द प्रदान करती है बहुत कुछ कह देने की ताकत देती है ,
कोई न हो सुनने वाला तो खुद से बात कराती है ,
हिंदी कोई एक शब्द या भाषा मात्र नहीं अपितु वह मेरी भावना भी है ,
मुझसे उलझने वालों के लिए करारा जवाब है हिंदी ।
मेरी ताकत , मेरा सारांश , और मेरे जीवन का निचोड़ भी है हिंदी ।
"आप सभी हिंदी प्रेमियों को हिंदी भाषा विकास के सार्थियों को हिंदी दिवस की ढ़ेर सारी बधाईयां एवं शुभकामनाएं मेरी ओर से ।"🙏😍-
"संघर्ष" के समय 'ताने' देते रहते हैं !
"सफल" हो जाने के बाद 'तारीफें' करते नहीं थकते !
-
दुश्मन जमाना तो जमाने से था
और भला प्यार के पैगामे ने भी आना कब छोड़ा था
जमाने से जमाने तक आया ही जाता रहा है जनाब ..!!!-
कम वक्त में ही
कुछ ऐसा कर गुज़र जाओ
के मरने के बाद भी दुनिया याद रखे
क्योंकि यहां हमेशा तो नहीं रहना.....!!-
वो आश्ना है मेरा
या बस अकी़दक......
ना वो जता पाया और ना मैं समझ पाई ।-
और ख़ुद से भी हार तब मानता है जब परिस्थितियों से हारता है और अंत में यह स्वीकार कर लेता है के हो सकता है इसी में ख़ुदा की मर्ज़ी हो....!!
-
आइडियाज़ के साथ-साथ पैसे कैसे और कहाँ से आएँ इसका निरंतर संघर्ष भी !!
-