Neetu Shukla   (नeeTu शुkla... 🖋📝)
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Joined 10 June 2017


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Joined 10 June 2017
14 JAN AT 1:41

एक लंबे समयावधि के उपरांत एक बार पुनः योर कोट पर अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिए मेरा आगमन हुआ है । इस लंबे समयावधि के उपरांत आगमन का सबब यह है कि सहसा मेरा फ़ोन ख़राब हो जाना और इस प्लेटफ़ॉर्म का पासवर्ड रिकवरी न हो पाने की वजह से मेरी अनुपस्थिति । आप सभी रचनाकारों का अनुरोधात्मक रूप में एक बार पुनः मैं अपने पेज पर स्वागत करती हूँ और आशा करती हूँ कि पहले की ही तरह या उससे बढ़कर ही आप सभी मेरे विचारों को महत्व देंगे । 🙏🏻💐

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27 AUG 2021 AT 21:35

कम वक्त में ही
कुछ ऐसा कर गुज़र जाओ
के मरने के बाद भी दुनिया याद रखे
क्योंकि यहां हमेशा तो नहीं रहना.....!!

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7 JAN 2022 AT 16:13

और ख़ुद से भी हार तब मानता है जब परिस्थितियों से हारता है और अंत में यह स्वीकार कर लेता है के हो सकता है इसी में ख़ुदा की मर्ज़ी हो....!!

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7 JAN 2022 AT 15:44

आइडियाज़ के साथ-साथ पैसे कैसे और कहाँ से आएँ इसका निरंतर संघर्ष भी !!

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18 SEP 2021 AT 9:42

सोचता तो हर कोई है
लेकिन करता कोई नहीं है
सारी जिंदगी यूं ही
सोचने में बीत जाती है
कभी ख़ुद सोचना ,
कभी दूसरों को सोचना ,
हर दिन की यही
उथल-पुथल
लेकिन अब सोचिए ज़रा
हाँ ! मेरे कहने पर
एक बार और सही
सोचिए ज़रा कि -
अब बहुत हुआ !
अब और नहीं !
केवल सोचना नहीं
अब करना भी है,
जी हाँ! अब करना भी है..!!

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14 SEP 2021 AT 11:41

हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में ,हिंदी वो है -

जो मेरे होठों पर अपना अधिकार जमाए बैठी है ,
जो मुझे अपने होने में पूर्णता का आभास कराती है ,
जो जीवन में संचालक की भूमिका में है,
कुछ न कह पाने की असमर्थता में मुझे शब्द प्रदान करती है बहुत कुछ कह देने की ताकत देती है ,
कोई न हो सुनने वाला तो खुद से बात कराती है ,
हिंदी कोई एक शब्द या भाषा मात्र नहीं अपितु वह मेरी भावना भी है ,
मुझसे उलझने वालों के लिए करारा जवाब है हिंदी ।
मेरी ताकत , मेरा सारांश , और मेरे जीवन का निचोड़ भी है हिंदी ।
"आप सभी हिंदी प्रेमियों को हिंदी भाषा विकास के सार्थियों को हिंदी दिवस की ढ़ेर सारी बधाईयां एवं शुभकामनाएं मेरी ओर से ।"🙏😍

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7 SEP 2021 AT 19:20

"संघर्ष" के समय 'ताने' देते रहते हैं !





"सफल" हो जाने के बाद 'तारीफें' करते नहीं थकते !

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3 SEP 2021 AT 11:09

RIP सिद्धार्थ शुक्ला 💐🙏😔😔

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31 AUG 2021 AT 22:55

दुश्मन जमाना तो जमाने से था
और भला प्यार के पैगामे ने भी आना कब छोड़ा था
जमाने से जमाने तक आया ही जाता रहा है जनाब ..!!!

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31 AUG 2021 AT 22:40

संसार में पूरा होना जरूरी नहीं है
आधा रहकर भी .....
अपना अस्तित्व जगमगाये रख सकते हैं,
जैसे राधा श्री कृष्ण की आधी होकर भी
अपने नाम को जनम जनम के लिए उनके साथ जोड़ गई .!!!

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