पैसे से सब कुछ ख़रीदा जा सकता है
पर किसी का प्यार सम्मान और अपनापन नहीं-
I like to write about pain please... don't connect my life 🌸
जिंदगी क्या सिखा रही है और क्या सिखा पाया
अब तक समझ न आया कौन अपना कौन पराया-
दिल आज बुझा बुझा सा है
कोई ख्वाब टूटा टूटा सा है
आंखों ने जतन से संजोया था जिसे
अश्कों ने उसकी यादों में पलकों को भिगोया सा है-
जो व्यक्ति आपकी और आपकी भावनाओं की कोई
कद्र नहीं करता उसके पास रहने से कोई फायदा नहीं-
इश्क का ढोंग करके
लोग निकल जाते है
क्यों हो जाते है हम मजबूर इश्क के हाथों में
खुद ही आग लगा लेते है अपने आशियाने में
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किसी के पीछे पड़े रहने से
बेहतर है उसे जाने दें
for granted बनने से अच्छा
अपनी नजरों में valuable बनें।
किसी की नजरों में नहीं अपनी
नजरों में उठो और निखरो........
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सुर्ख आंखों का समन्दर कौन देखता है
दर्द देने वाला तो सिर्फ मतलब देखता है-
मोहब्बत करो पर हक जताना नहीं कभी मोहब्बत की चाह करना नहीं चलन है इस जमाने का. इश्क की आग में जलना. पर आह करना नहीं
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