इश्क़-ए-एहसास
जबसे तुम आए हो मेरी ज़िंदगी में,
तुम्हें तुमसे भी ज्यादा मैं चाहती हूँ।।
तेरी चाहत की खुशबू से,
अपनी सांसो को महकाती हूँ।।
देखती हूँ जब भी मैं आइना,
सामने तूझको ही पाती हूँ।।
तुम्हें खबर तक नहीं मेरी जान,
की मैं तुम्हें बेइंतहा चाहती हूँ।।
अल्फ़ाज़ों में मीठी सरगमों को मिलाकर,
उलझी बेचैनियों को सुलझाती हूँ।।
तेरी हर अंदाज पर मैं अपना पहरा लगती हूँ।।
रहती हूँ अक्सर तेरे ही ख्यालों में,
और तेरे देखते ही मैं शर्मा जाती हूँ।।
दिल की धड़कनों को साँसों में छुपाकर,
मैं आपके प्यार में थोड़ा इतराती हूँ।।
सच्ची मोहब्बत अपनी रूह में बसा कर,
आपकी तकदीर में संवारती आपकी
जीवनसाथी मैं बनना चाहती हूँ।।
जबसे तुम आए हो मेरी ज़िंदगी में,
तुम्हें तुमसे भी ज्यादा मैं चाहती हूँ।।-
वो भरी महफ़िल में तुम्हारी आँखों से मिलना खास था, तारीफ के काबिल वो प्यारा एहसास था।।
मुस्कान तुम्हारी कहर बरपा रही थी, मेरे दिलो दिमाग में मोहोब्बत तुम्हारी छा रही थी।।
बताए जा रही थी, मुझे हर मायना इश्क़ का, घण्टों निहारने लगी थी मैं अब आईना इश्क़ का।।
वजूद तेरा, मेरी रूह में समाया लगता है, तू ही सारी कायनात अब तू ही हमसाया लगता है।।
सुरूर ही छाया लगता है अब दिलो दिमाग पर मेरे, तुम ही हो रहबर अब तुम ही हमनवां मेरे।।
लगता है अब दो दिल एक जान हैं हम, एक दूजे की अटूट पहचान हैं हम।।
तुम्हारी मुस्कान में ऐसी हुई मैं मदहोश, बिन पिए शराब, खो बैठी अपने होश।।
तुम्हारी आवाज़ में एक प्यारा जादू है, जबसे सुनी है, दिल कहाँ ही मेरा, मेरे काबू है।।
हर लम्हे में अब मेरे तुम होते हो, आँखे बंद करलूँ, तो सामने मेरे होते हो।।
पाने को तुम्हें अब इश्क़ मेरा तड़पता है, तुम्हारी याद में दिल मेरा जोरों से धड़कता है।।
उर्दू की नज्म हो तुम या हो क़ुरान की आयत, तुम से है पहचान मेरी अब तुम्हीं मेरी इबादत।।-
इन दिनों उड़ रहा है मन उसका, किसी खास से होने वाली उस पहली हसीन मुलाकात की आस में।।
बावरी बन झूम रही है वो आजकल, उस प्रतीक्षित मिलन की तलाश में ।।
खुद पर और खुद की हर अदा पर आजकल ज्यादा ध्यान है उसका,
नेलपेंट, लिपस्टिक, ड्रेस, मेकअप सबसे पूछती है, क्या ख्याल है आपका।।
मिलन की घड़ी, जाने क्यों नहीं आ रही है, घड़ी की टिक टिक की आवाज भी तो ध्यान उसका हटा रही है।।
उधर उस नौजवान का मन मचल रहा है, कैसी दिखेगी संग वो नाजनीन, इसी ख्याल में खुद ही संभल रहा है।।
सखियों संग इतराती सी घूमती है आजकल, लाख चाहने पर भी छिपा कहाँ ही पाती है।।
मिलने का उत्साह ही ऐसा है, की नियति खुद उस से पूछ रही है कि क्या चाहती है।।
एक दूजे के सुखद ख्याल आ रहे हैं दोनों को, कितनी शिद्दत से उनके दिल चाह रहे हैं दोनों को ।।
हर बात में मुस्कान लबों पर रहती है, आती जाती हवा भी तो रुमानियत ईश्क़ की कहती है।।
जाने कब मुकम्मल मुलाकात होगी, नाज़नीन के हाथों में हाथ लिए संग में सारी कायनात होगी।।
नजरों की नजरों से गुफ्तगू वो वार्तालाप होगी, दोनों के लबों पर मुस्कान और हसीन हर एक बात होगी।।-
बीच मझधार नैया फंसी है,
भोलेनाथ आप आओ ना,
भक्त आपकी हार रही है,
बेड़ा पार लगाओ ना।।-
तुम मेरी इतना ख्याल रखते हो,
मैं चाह कर भी तुमसे ज्यादा देर तक
नाराज नहीं रह सकती।।-
हिंदी हैं हम, ये हिंदुस्तान हमारा है,
तिरंगा हमको अपनी जान से भी प्यारा है।।-
सभी कहते हैं तुम मुझे खुश नहीं रखोगे लेकिन, इन्हें नहीं पता Life Is Beautiful If You Get A Right Person❤️
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जिसे देखते ही मेरे चेहरे पर मुस्कान
आ जाती है, वो खूबसूरत
एहसास हो तुम।।-