Gurmeet   (#आनंदयात्रा)
2.7k Followers · 381 Following

read more
Joined 8 November 2017


read more
Joined 8 November 2017
4 HOURS AGO

चुपके से सुन अंदर की धुन,किस उधेड़बुन में खोया मन।
कई कथाएं अनसुलझी रहतीं,मन बेचैन सा रहता नित दिन।

हजारों ख्वाहिशें अनगिनत डर,छीन लेते दिल का अमन।
प्रेम संतोष सरलता की कमी से,मुरझा जाता अपना चमन।

कई समीकरण कई ख्वाब,अन्दर ही अंदर देते रहते चुभन।
नित दिन खुद से मिलना जरूरी,कांटों का करना होगा दमन।

उधेड़बुन खत्म तो मन हो शांत,बोझ हटा तो मन बने चंदन।
जितना जरूरी उतना सामान रखें,यात्रा तब रहेगी सदा रोशन।

गुरमीत

-


15 AUG AT 13:26

हम आजादी के दीवाने

आजादी का अर्थ समझे नहीं,पर हम आजादी के दीवाने।
सबका साथ सबका विकास,यही हैं आजादी के तराने।

आजादी मतलब मन पर अनुशासन,पर हम ये बात न मानें।
स्वतंत्रता की आड़ में मनमानी,यही अपनी आजादी जानें।

देश के हम मालिक बन गए,पर मालिक की ड्यूटी न पहचानें।
देश की रक्षा सैनिकों के जिम्मे,हम बन गए आजाद परवाने।

ये तो अधूरी आजादी दोस्तों,गर संस्कार और मर्यादा न जानें।
हम सुधरेंगे देश सजेगा,सच्ची आजादी के यही है मायने।

ये दिवस औपचारिकता नहीं है,लगना होगा गुलशन महकाने।
संस्कार सुरक्षित देश महफूज,तभी बनेंगे आजादी के दीवाने।

गुरमीत

-


14 AUG AT 20:23

थोड़ा थोड़ा लिखना आ गया है,अब खुद को देखना आ गया है।
अन्दर कितने जज्बात भरे थे,उनको भी परखना आ गया है।

नकल कर लिखना बनावटी सा लगे,अंदर से बहना आ गया है।
खुद से जब मुलाकात हुई,दिल की बात कहना आ गया है।

कैसे अपने जज्बात परोसें,सही शब्द को चुनना आ गया है।
कलम अब शांत नदी सी बहे,उसे गीत बुनना आ गया है।

शब्द ही व्यक्तित्व का आईना,हमको अब निखरना आ गया है।
रूह और दिल बड़े खुश हुए,मालिक को लिखना आ गया है।

गुरमीत





-


14 AUG AT 9:20

सादगी और शिष्टाचार,आनंदित जीवन का मजबूत आधार।
संस्कार संतोष गरिमा मर्यादा,ये गहने है जीवन के उपहार।

हमें खुद ही समझना होगा,करना होगा जीवन मूल्यों से प्यार।
सफल सफर के यही आभूषण,करा देते हर मुश्किल से पार।

दुनिया उलझी नकली चमक में,उसे प्रिय लगे लोभ अहंकार।
ऐसी चमक बहुत जल्दी उतरती,नकार देता तब इन्हें संसार।

जीवन मूल्य ही इंसानियत के गुण,
बड़े प्यार से करिए स्वीकार।
ये सारे गहने प्रभु कृपा से मिलते,
सदा करिए रब का आभार।

गुरमीत

-


13 AUG AT 23:25

समझाते हैं खुद को बहुत,जीवन में खुशियां ही सर्वोपरि।
हर काम को जो खुशी से करे,उसकी जिंदगी बड़ी निखरी।

ये शातिर मन तो मानता ही नहीं,उसे अपने चस्के की पड़ी।
रूह और जिस्म से मतलब नहीं,मन की चाहतें ही सबसे बड़ी।

हम खुद बहुत कमजोर हो गए,हम में इच्छा शक्ति नहीं बची।
रोज समझाते रोज भूल जाते,इसीलिए जिंदगी में गदर मची।

मजबूत करना होगा खुद को,यदि चाहें मन से स्वामी भक्ति।
संकल्प और अनुशासन से ही मिलेगी,खुशियां पाने की शक्ति।

गुरमीत




-


13 AUG AT 16:14

हर किसी के दिल में

हर किसी के दिल में,बस कर क्या करोगे।
गलत जगह मिल गई तो,जिंदगी स्वाहा करोगे।

अपनों को पहचानिए,उनके दिल में महफूज रहोगे।
बाहरी कशिश बहुत भरमाए,फंस गए तो फ्यूज रहोगे।

हर दिल का परिवेश अलग,सही होगा तभी खिलोगे।
कम हों पर दिल मित्र हों,बेफिक्र होकर मजे से चलोगे।

जिंदगी अपनों के संग खिले,उनके दिलों में ही महकोगे।
हर कहीं ठिकाना न बनाना,सही परिंदों के मध्य ही चहकोगे।

गुरमीत

-


12 AUG AT 23:22

दूरियों से कहो

दूरियों से कहो तुम क्या जानो,नजदीकियों का अनंत आनंद।
तुमने तो दूर करना ही सीखा,कर देती दिल के दरवाजे बंद।

नजरों से दूरी चल जाती,पर दिल की दूरी को न करिए पसंद।
नजदीक रह कर भी दिल दूर,तो ऐसे जीवन की खुशियां मंद।

जो अपने दिल के नजदीक,करिए न उनसे कभी भी द्वंद।
दूरियों के हिमायती न बनिए,बेशर्त रिश्तों को सदा रखें बुलंद।

दूरियां तो दिलों में दरार ही लातीं,संबंधों में लगा देती पैबंद।
संभल के रहिए दूरी की नीयत से,अपनों का साथ ही चिदानंद।

गुरमीत



-


12 AUG AT 9:49

सफल तो हो ही जाएंगे हम,इस जुनून की जमीन चाहिए।
हर मुश्किल पार हो जाएगी,दिल में सुकून विलीन चाहिए।

मंजिल और राह सही चुनी है,खुद पर भी यकीन चाहिए।
रहमतें नियामतें भी जरूरी हैं,रब में मन तल्लीन चाहिए।

धूप की तपन सुहानी लगे,पर प्रेम खुशियां आसीन चाहिए।
सफलता सार्थक तभी होगी,मन अहम भरम विहीन चाहिए।

कामयाबी खुद गले लगाएगी,बस सोच अपनी जहीन चाहिए।
सफलता से रिश्ते आनंदित हों,मन कुलीन व मस्कीन चाहिए।

गुरमीत

-


11 AUG AT 21:24

बड़ा किस्मतवाला है वो,जिसके पास तुम हो।
तुम्हारा साथ बेशकीमती,भले ही संपदा कम हो।

हर किसी को नसीब नहीं,जिस पर तुम्हारा रहम हो।
मुश्किलों में जब सब साथ छोड़ें,तुम ही तब हमदम हो।

तुम्हारी इबादत से निखर गया,तुम मेरी खुशी के परचम हो।
तुम्हारे बिना हर खुशी अधूरी,प्रभु तुम हर कष्ट के मरहम हो।

सृष्टि रचयिता की आराधना करो,सब उसके ही प्रियतम हो।
सबको समान रहमतें मिलतीं ,तुम उसकी रचना के सरगम हो।

गुरमीत

-


11 AUG AT 18:44

साथ हमारा जब तक है,दुनिया भी सौ सौ सलाम करेगी।
राहें अगर तुमने बदल लीं,कमजोर जान के तुम्हें डसेगी।

अकेले को हर कोई डराता,काफिला देख दुनिया भी डरेगी।
आजाद रहें पर साथ भी रहें,जिंदगी फिर दिल से हंसेगी।

एकता दुनिया को बर्दाश्त नहीं,इसे तोड़ने की कोशिश करेगी।
आपसी तालमेल बनाए रखिए,समझदारी से यात्रा महकेगी।

साथ बेशर्त है तो सदा चलेगा,
यही दुनिया जय जयकार करेगी।
वफ़ा वादे कसमें सब भरम,
भरोसे प्रेम से खुशियों की गंगा बहेगी।

गुरमीत


-


Fetching Gurmeet Quotes