Gurmeet   (#आनंदयात्रा)
2.8k Followers · 382 Following

read more
Joined 8 November 2017


read more
Joined 8 November 2017
16 HOURS AGO

कश्ती मेरी पार हुई,मोहब्बत का मुझको किनारा मिला है।
जिंदगी अब नृत्य करे,जब से बेशर्त साथ तुम्हारा मिला है।

सफर भी रोशन हुआ समझो,साहिल से ये इशारा मिला है।
सौ सौ सलाम मोहब्बत को,जीने का अब सहारा मिला है।

तुम्हारा संग बड़ा दिलकश,दिल को करार दोबारा मिला है।
रब की अजीम रहमतें मुझ पर,चमकता सा सितारा मिला है।


गुरमीत




-


YESTERDAY AT 9:19

रात यादें खाली कर दीं,अब सुबह महकी हुई सी है।
बरसों से जो बोझ ढो रहे,उनसे आजादी मिली सी है।

मत पालो उन यादों को,जिनसे अपनी रूह दुखी सी है।
सुख को हम भूल ही जाते,इसीलिए जिन्दगी रूठी सी है।

खाली हो जाने का सुख अमृत,अब जिंदगी खिली सी है।
हर सुबह मुझे महकी लगती,सफर में इत्र की ताजगी सी है।

सुबह दिलकश तो दिन रोशन,रिश्तों में जिंदादिली सी है।
खाली होकर खुशी ही भरना,यात्रा तब प्रभु की बंदगी सी है।

गुरमीत

-


14 OCT AT 20:23

१.
जिंदादिली ही जिंदगी,कर लीजिए इससे दीवानगी।
मरुस्थल नहीं समन्दर बनिए,डूब के करिए बंदगी।
कल कभी नहीं आता यारों,न जाने कब हो रवानगी।
हर लम्हा खुशी से गुजारिए,तभी प्रेम करेगी जिंदगी।
_____________________________________
२.
जिंदगी को बोझ मानते,रखते इससे नाराजगी।
भ्रामक सोच मन में पालते,जिंदगी कर लेते बदरंगी।
ये काया जलसों के लिए,मत रखिए यात्रा में वीरानगी।
जिओ दिल से जो वक्त मिला,तभी सार्थक होगी जिंदगी।

गुरमीत




-


14 OCT AT 10:07

व्यथित न होना परिवर्तन से यारों,बदलाव को अपना लो।
बदलाव की समीर शाश्वत बहे,खुले दिल से स्वीकार करो।

जो कल था वो आज नहीं,जो कल होगा उसके साथ चलो।
परिवर्तन ही जीवन की गति,बदलाव अपनाने से न डरो।

प्रतिरोध करोगे तो थम जाओगे,ऐसे तो तुम खुद को छलो।
जीवन बदलावों से ही निखरा,स्वीकार करो अनूप निखरो।

सकारात्मक बदलाव का स्वागत करो,
आगे बढ़ के गले मिलो।
जो परिवर्तन यात्रा सुगम बनाएं,
उसको दिल से अपना लो।

गुरमीत



-


13 OCT AT 21:46

बहुत तरह के मरहम लगाए,पर दिल का दर्द कम नहीं हुआ।
शब्दों के बाण बड़े ही घातक,कभी न भरने वाला जख्म दिया।

जिस्म के ज़ख्म तो भर जाते,वाणी ने ही महाभारत किया।
बिना सोचे समझे जो जहर उगलते,उसने रूह को मार दिया।

सीधे सच्चे का दिल न दुखाना,उसकी आहों ने बरबाद किया।
कब कहां किससे क्या कहना,जो समझा उसने दिल जीत लिया।

शब्द ही बाण शब्द ही मरहम,रिश्तों को इसी से रंग मिला।
दिल का दर्द मत दीजिए उसे,जो सदा तुम्हारे साथ ही चला।

गुरमीत




-


13 OCT AT 9:19

परीक्षा तो होगी दोस्तों,पर पाठ्यक्रम नहीं मिलेगा।
अचानक ही प्रश्न आएंगे,कोई बहाना नहीं चलेगा।

ज्ञान बुद्धि विवेक अनुभव,इनका संग सही जवाब कहेगा।
घबराना नहीं हिम्मत से चलना,हर इम्तिहान सफल रहेगा।

परीक्षाओं से कोई न बचे,सवालों से साबका जरूर पड़ेगा।
जो डर गया वो मरे समान,जिंदगी का कारवां नहीं बढ़ेगा।

तजुर्बा समझदारी और विश्वास,ये औजार सफल करेगा।
खुश होकर हर परीक्षा दीजिए,सफर फिर दिल से महकेगा।

गुरमीत





-


12 OCT AT 22:21

प्रेम सुनोगे तो सुनते रहोगे,वक्त कम पड़ जाएगा।
ये तो प्रभु का रूप है यारों,करो तो प्रभु से मिलाएगा।

शर्त यही कि कोई शर्त नहीं,तभी प्रेम महक पाएगा।
गुलों की बेशर्त सुगंध के माफिक,सारा गुलशन महकाएगा।

न ओर न छोर न आदि न अंत,जो डूबा वही बताएगा।
जब जागो तभी सवेरा मानो,सही वक्त कभी नहीं आएगा।

जो डूब गया वो समझ गया,वक्त जल्दी ही गुजर जाएगा।
मत देर करो ये अमृत पीने में,ये जीवन यात्रा साकार कराएगा।

गुरमीत

-


12 OCT AT 9:06

सफर में खुशियों की समीर बहे,सबसे अच्छी सीख यही।
ये सीख मैं ही नहीं कहता,जिंदगी ने भी यही बात कही।

हम महकें और काफिला सुगंधित,यही सोच सबसे सही।
जो राह मंजिल आनंद बरसाए,सबसे सुंदर सफर वही।

संतोष सुकून दिल में बसा,सारे प्रतिरोधों की दीवार ढही।
जीवन दृष्टिकोण संतुलित हो,वहां खुशियों की गंगा बही।

हुनर तराशें रिश्ते महकाएं तो,रूहानी आनंद की कमी नहीं।
शाम ढले आवाज आती,बड़ी खूबसूरत मेरी यात्रा रही।

गुरमीत



-


11 OCT AT 18:56

.........गुरमीत

कम कम ही सही,पर जो मिला मुझे बहुत मिला।
धीरे धीरे पल्लवित हुआ,उम्मीदों का गुलशन खिला।
संतोष संयम के संग सफर,राहों ने इस्तकबाल किया।
सीढ़ी दर सीढ़ी लक्ष्य मिला,हर सीढ़ी को जी भर जिया।

सब कुछ एक साथ मिल जाए,इसी सोच ने कष्ट दिया।
न खुदा मिला न विसाले सनम,शाम ढले खाली हाथ चला।
कम ही सही पर जरूरी मिला,इसी उपलब्धि पर गर्व किया।
जो मिला उसको गले से लगाया,खुशियों का झरना खूब बहा।








-


10 OCT AT 22:31

जो समझने को तैयार न हो,उसे समझाया नहीं जा सकता।
पत्थर से सिर टकराना व्यर्थ,खुद को ही ज़ख्म लगता।

ऐसे लोगों को वक्त समझाता,ठोकर खाकर ही सबक मिलता।
कोई कोई ठोकर खा के भी बेहोश,सफर बेहोशी में चलता।

दुष्ट क्रूर मूर्ख अहंकारी,इनको समझाने वाला खुद ही थकता।
दूर रहिए ऐसे लोगों से,कर्मों का सर्प ही इन्हें खुद डसता।

समझाइए सिर्फ उन्हीं को,जो आपके विचार ध्यान से सुनता।
गर उसमें परिवर्तन आ जाता,तो मानिए यही सच्ची सफलता।





गुरमीत


-


Fetching Gurmeet Quotes