ऊपर तारों का चादर और ये बिछौना है गगन
नीला आसमाँ है प्यारा प्यारा
इन्हें देख सुंदर सपने बुनते प्यारे मासूम नयन
फिज़ाऐं देख अरमाँ मुस्कुराता भोला अंतर्मन
खुशियों का दरवाज़ा जैसे आँखों का तारा
मूट्ठी भर सपने लिए टिमटिमा रहा मासूम नयन-
कुछ लड़कों को सपने सोने नहीं देते
कुछ लड़कों को जिम्मेदारियाँ जगा कर रखती हैं
कुछ बड़े होकर भी बच्चे समझे जाते हैं
कुछ बचपन में ही बड़े हो जाते हैं..
.
.
कौन कहता है?
लड़कों का जीवन आसान होता है...-
कोई जादू नहीं हूँ,
फिर भी पहचान जाती हूँ,
लगता है कोई अदाकारी की है,
सब वाह! वाह! जो कहने लगे हैं,
कल जहाँ गयी थी,
वहाँ अभी भी नज़र आती हूँ,
किसी खेल की तरह बल्लें घुमाती हूँ,
याद आते हैं वो सपने जो,
नींद नहीं आने देते थे,
जिन्हें देखते-देखते मैं,
ऐसे ही सोया करती थी,
आज वो हकिकत बन,
मेरे सामने आए हैं,
जैसे बिन-बुलाए मेहमान की तरह,
आखिर वो मेरे घर रहने आए हैं..-
वो वजह पूछता रह गया
ओर हम वजह छिपाते रह गए
यही अंत था उस कहानी का
जिसके सपने देखने वो सोता रहा
ओर हम उन सपनों से
बचने के लिये खुदको जगाते रहे-
एक दिन चिड़िया उड़ गई
जब अपनो ने ठुकरा दिया
गैरो ने अपना लिया.....
जब ज़िन्दगी का हर दरवाज़ा बन्द
हो गया तब चिड़िया उड़ गई.
बड़ी चाहत थी उसमें आसमान को छूने की
बहुत उम्मीदें थी अपनी कोशिशो पर
उसकी रोते हुए सिसकती हुई आहें
किसी ने ना सुनी.....
तब चिड़िया उड़ गई........
घर मानो जेल लगने लगा था
रोज तिल तिल मरती थी वो
देख कर अपने सपनो को रौंदता
सह न पाई ये सब.......
मौका देख पिंजरे का दरवाजा खोल वो उड़ गई
एक दिन चिड़िया उड़ ही गई..........
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उड़ान
' सपनों की '
गले मिलकर गला चीरने वालों पर एक टिप्पणी कविता के माध्यम से
___कविता अनुशीर्शक में पढि़ए ___-
मेहनत से राह आसान होती ,
बंजर भूमि भी उपजाऊ बनती;
बस नेक नियत
और सच्चा मार्ग हो तेरा ,
फिर इस मेहनत से
क्यों नहीं चमकेगा भाग्य तेरा।।
🍁Anjna Kadyan🍁
तकदीर-ए-खेल में
बाजी बड़ी-बड़ी पलट गई ,
राजा कब रंक और रंक कब राजा
बन सत्ता बदल गई ;
मनुष्य चाहे तो असंभव भी संभव बन जाए
मेहनत, लगन से
बिगड़ी तकदीर भी सुधर जाए।।
🍁Anjna Kadyan🍁-
कुछ मस्तिष्क में समाए हैं, कुछ अब भी सपने हैं
कुछ जिजीविषा जगाकर भाप बन उड़ गए,
और कुछ आज लेखनी से पन्नों पर उतरे हैं..!!-