ज़िंदगी की सच्चाइयाँ
सिखाती हैं झूठ बोलना-
25 NOV 2018 AT 8:02
रजाई की रूत गरीबी के आँगन दस्तक देती है,
जेब गर्म रखने वाले ठंड से नही मरते ।।-
13 OCT 2019 AT 20:15
ख़ैर..
अब जो तुमने,
तुम्हारे सच ने,
मुझसे, मेरा "मैं" छीन ही लिया है
तो अब तुम्हें,
और इस तमाम दुनिया को
"तुम" मुबारक हो!-
11 SEP 2019 AT 21:24
जिस्म की लज्जतें, इश्क़ की सलाहियतें
पढ़ ही लेती है सारी वो तुम्हारी तर्बियतें
हुस्न तारी नहीं करती इश्क़ मुकम्मल में
उसकी देह से भी लिपटी हैं सारी आयतें-
6 MAY 2020 AT 9:55
सच है जो 'बेखबर' बारातियों में है
वो 'भीड़' में कहाँ उन्मादियों में है-
28 NOV 2018 AT 17:31
साजन-साजन है तिलिस्म, साजन-साजन है सच
साजन कभी कहीं है ही नहीं, साजन ही है एक बस
- साकेत गर्ग 'सागा'-
31 MAR 2020 AT 13:57
"पर्दे"
आँखों पे पर्दे
चेहरों पे पर्दे
गलत कर्म की रुह ढके
बदन पे सुंदर लिबासी पर्दे
घर की खिड़की थी थोड़ा सा सच
उस पर भी टंगे खूबसूरत गुलाबी पर्दे
जन्नत पाकीज़ा
नर्क में मिलेंगे दुनिया के जिस्मानी पर्दे-