वो तुम्हें वहाँ मारता है
जहाँ तुम्हें आज तक किसी ने नहीं मारा
वो तुम्हें वहाँ से तोड़ देता है
जहाँ से तुम आज तक नहीं टूटे थे
वो तुम्हारे सपनों को कुचल देता है
और तुम्हारे वजूद को खा जाता है
वो...
वो 'इश्क़' है
- साकेत गर्ग 'सागा'-
Saket Garg
(साकेत गर्ग 'सागा')
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Joined 13 September 2016
13 OCT 2020 AT 11:29
5 OCT 2020 AT 19:23
मोहब्बत ने जो-जो दिया था मुझको
उससे ज़्यादा वापस ले लिया मुझसे
कमबख़्त जुदाई ने जो-जो दिया है
इसका हिसाब कौन करेगा मुझसे
- साकेत गर्ग 'सागा'-
29 SEP 2020 AT 19:08
जिस तरह
आ धमकती है ना यह 'धूप'
छन-छन के
मेरे बरामदे के 'फ़र्श' पर
कुछ उसी तरह
'तुम' भी
आ धमकों ना कभी
मेरे दिल के इस 'घर' पर-
26 SEP 2020 AT 10:57
पास हैं तो, 'तकरार' का शोर है
दूर रहने पर, यादों के 'सन्नाटे' हैं
- साकेत गर्ग 'सागा'-
14 SEP 2020 AT 14:59
यह चार साल बीते, YourQuote पर, मेरे कुछ ऐसे
ख़ुद को पा लिया हो, ख़ुद के ही भीतर, जीते-जी जैसे
- साकेत गर्ग 'सागा'-