संघठित होइये, नहीं तो न तो
संस्था बचेगी और न ही समाज।
"""""" संघे शक्ति कलियुगे """"""-
बनाना था मुझे एक संगठन
इकट्ठे किए दस बीस जन
सबके मत एक न सके बन
संगठन में संग हो गई ठन-
झाड़ू जब तक एक सूत्र में बँधी होती है, तब तक वह कचरा साफ़ करती है.!
लेकिन वही झाड़ू जब बिखर जाती है,तो खुद कचरा हो जाती है!
इसलिए हमेशा सगंठन से बँधे रहे, बिखर कर कचरा न बने!-
कोई भी संगठन सिर्फ जनसमूह नहीं होता,
वह कार्यकर्ताओं की भावनाओं का मंदिर होता है !!-
खुद जलकर करे जो उजियारा
उम्मीद की जो बने पतवार
हे देवतुल्य दीपक नमन तुम्हें बारम्बार
दूर करो अज्ञान का तांडव
करो संगठित सम्पूर्ण समाज
हे देवतुल्य दीपक
तुम करो नकारात्मकता पर वार
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किसी भी दल या संगठन में,
भले पा लो कोई पद,
व्यवहार तुम्हारा तय करेगा,
है कितना ऊँचा कद ।।
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हर 'फोल्लोअर' के तकदीर में
धोखा ही धोखा लिखा होता है !!
राजनीति हो 'या' धार्मिक संगठन,
'या' फिर सोश्यल : मिडीया ही देख लो..!?!
🤗🤗-
संगठन इसलिए नही बनाये जाते,
की हम संगठनों में रहकर टूटे,
बल्कि इसलिए बनाये जाते है कि,
हम अपने हक की लड़ाई को,
ताकत के साथ साबित कर सके।-
*विविध संगठन*
*वर्ग-विशेष*
*विद्यार्थी*
और
*विपक्ष*
■ वार, विरोध, विषमता ■
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