कोयतुर अभि  
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Joined 28 December 2019


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I don't care about those people who don't care about me Jazzy

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20 DEC 2022 AT 0:04

#नेता

लाचार में न हुआ,
लाचार तो तुम हो,
विस्थापन कर,मेरे गांव का,
वोट के लिए ,
जनसंपर्क यात्राएं कर रहे हो,
फिर मेरे गांव में,
में जानता हूँ चाले अब सब तुम्हारी,
तुम बो सरकारी दफ्तर हो,
जहां दिए हुए मेरे आवेदनों,
दीमक लगने का इंतजार किया जाता है,

___कोयतुर अभि


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21 SEP 2021 AT 17:43

शर्म नही है गर्व है मुझे,
पीला गमछा धारण कर,
शर्माया बे करते है,
जिन्हें शक है खुद के आदिवासी होने पर,

जय आदिवासी

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1 MAY 2020 AT 19:58

आज हालात भले ही मेरे कमजोर है,
लेकिन हौसला जीत का है,

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9 JAN 2022 AT 14:42

सड़के शहरो तक पहुँच गयी हैं,
उन सड़को को बनाने आदिवासी शहर पहुँच गए है,
लेकिन आज भी आदिवासी ,
पगडण्डियों के सहारे चल रहे है,
ओर बे सड़के आदिवासी के घरों तक,
पहुँचने से पहले विकास की लिस्ट से छूट गयी है,

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30 DEC 2021 AT 22:54

आदिवासी नारी हो तुम,

बचपन से पिता को,
लड़का सा मात देकर,
कन्धों से कन्धे मिलाकर घर मे हाथ बटाती हो,

झटपट घर के काम निपटाकर,
खेत खलिहानों को भी,
खुद सा महकाती हो,

तपती धूप में भी,
छावं की उम्मीद न करकर,
तुम संघर्ष पर संघर्ष करती जाती हो,

आदिवासी नारी हो तुम,

उन घने जंगलों में,
जहाँ तुम्हारा गांव है,
शेरनी सी बनकर तुम,
सर पर लड़की के गठ्ठे रखकर,
ऊँची पहाड़ियों पर से,
तुम बिना रुके बिना थके,
घर तक लाती हो,

चहरे को आईने में न देखकर,
न अपने बालों को संवाहार कर,
तुम जिम्मेदारी के आगे अड़िग खड़ी हो जाती हो,
उम्र का तो मुझे अनुमान नही,
तुम बस अपने हुनर से पहचानी जाती हो,

आदिवासी नारी हो तुम,

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11 DEC 2021 AT 22:18

बस सरकार चुनाव तक हमे जानती है,
कि हम आदिवासी है,
फिर चुनाव होते ही,
हमे खुद अपनी पहचान बताना पड़ता है,
कि हम आदिवासी है,

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29 AUG 2021 AT 17:36

मैं आजाद हूँ...

नीमच में जो आदिवासी की,
ह्त्या हुई है,
उसे देखकर आपको लगता है,
क्या में आजाद हूँ,
नेमावर की घटना,
जिमसें मानवता शर्मसार हुई है,
उसे देखकर क्या आपको लगता है,
कि मैं आजाद हूं,
लाखों आदिवासियों को जंगलों से बेदखल कर दिया गया
आज सड़कों पर उनका अस्तित्व खतरे में है,
क्या उन्हें देखकर आपको लगता है,
कि मैं आजाद हूं,
अपने हक के लिए,
सड़को पर उतरे,
कई आदिवासियों को झूठी धाराएं लगाकर,
जेलों में कोड़ दिया गया,
इन सब को देखकर क्या आपको लगता है ,
कि मैं आजाद हूं,

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27 JUL 2021 AT 17:29

कहां थी मोमबत्तियां,
जब नेमावर हत्याकांड के हत्यारों को,
सरक्षंण नेता दे रहे थे,
इंसाफ वाली आवाजे कहां थी,
जब मीडिया खबरे छुपा रही थीं,
क्यो समाज के ही लोगो को,
न्याय के लिए सड़को पर आना पड़ा,
जब बात देश में,
"बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ" की हो रही थी,

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11 JUN 2021 AT 21:25

आज तेज हवा जो चली,
घर के कवेलू जमीं पर थे,
गांव में किसी का घर खिसला,
किसी का अनाज पानी मे डूबा था,
चाहता था कि हर सख्स की मदद करूं,
लेकिन बारिश,हवा से घायल मेरा घर भी था,
रास्ते जलमग्न हो गए थे,
मानो घुटने घुटने कीचल था,
समझ न आ रहा था जायूँ,कहां,
शहरो से सम्पर्क मेरा कहां था,
बिजली के तार भी हवा से टूट गए थे,
अंधेरे में मेरे गांव का हर घर था,
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