मैं जो भी सोचता हूँ वो लिख देता हूँ,
जिसे जो भी समझना है वो समझ लेता है !!-
Nobody is born a writer.
Keep writing, keep growing...
मैं जो भी सोचता हूँ वो लिख देता हूँ,
जिसे जो भी समझना है वो समझ लेता है !!-
धीरे धीरे शायद उसने भुला दिया मुझे...
इतनी देर कोई शख़्श ख़फ़ा नहीं रहता !!-
मचलते अश्कों का समंदर हैं तेरी आँखें...
तू क्या ख़फ़ा हुआ शहर में सैलाब का आलम है !!-
शबनमी बूँदों से प्यास कहाँ बुझती है,
गर बरसना ही है तो घनघोर बरस !!-
बड़ी मुद्दत से मिलेगा मुझे कोई मेरे जैसा,
बेशक़ ऐसे वैसों से मेरी बनती भी नहीं !!-
बात कभी दिल से निकलती है कभी ज़बाँ से,
जिसे जो चाहे समझना है वो समझ लेता है !!
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तन्हा नहीं रहता मैं एक पल भी उसके बगैर,
गर वो साथ ना हो तो उसकी याद साथ होती है !!-
सिर्फ़ इतना है गुलों की ज़िंदगी का सफ़र,
खिलना फिर टूटना मुरझाना और बिखर जाना !!
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फिर से कम्बख़्त फ़रेब का महीना आ गया,
अब लोग जिस्म भी नोचेंगे मोहब्बत के नाम पर !!-
तन्हा खड़े हैं भरी महफ़िल में इस कदर,
लगता ही नहीं दुनिया में कोई हमारा भी है !!-