जीवन में ठोकड़े
हमें
संसार की
वास्तविकता से
परिचय
कराती है।-
निरंतर अध्ययन अध्यापन के लिए आवश्यक... read more
निंदक अपनी जिह्वा से
हमारे पापों को
चाटता है।
ये धन्यवाद के पात्र हैं।-
जीवन यात्रा है।
सभी जीवात्माएं अपनी-अपनी यात्रा पर हैं।
प्रारब्ध के अधीन होकर
जो पुण्यात्मा है वह
लाभ प्रदान करने के लिए
हमसे जुड़ता हैं और जो दुरात्मा है वह
हमें हानि पहुंचाने के लिए
हमसे जुड़ता है।
आत्माओं का कर्म पूरा हो जाने पर
वह हमसे अलग होकर
अपनी यात्रा पर लौट जाता है।-
🙏संत कथन 🙏
जो कार्य
धर्म युक्त है वो कर्म है और
जो कार्य धर्म विरूद्ध है उसे
कुकर्म कहते हैं।-
भगवान कृष्ण के
कृपा के बिना
कृष्ण का नाम लेना
संभव नहीं।
भगवान कृष्ण की
कृपा होगी तो ही हम
कृष्ण का नाम
ले पाएंगे।-
इस बरसात में
मां के नाम एक
पेड़ लगाएं।
धरती माता को
हरियाली से सजाएं।
प्रकृति पूजा में
अपना योगदान बढ़ाएं।
जीवन में
खुशियों को बसाएं।-
ईश्वर की कृपा
जब बरसती है तो
जगत में
जितने भी जीव-जंतु हैं सभी
तृप्त हो जाते हैं।-
चाय की प्याली सबको भाती
होठों पर मुस्कान है लाती।
दोस्तों की महफिल सजाती।
खुशियों की सौगात दे जाती।-