शक्ति देती संबल देती,
खुशियों का बनती वो आधार,
हर संबंध को, जोड़ के रखे,
जुड़कर रहता जिससे परिवार,
हर मुश्किल से, लड़ने की कोशिश
नित दिन रखती वो जारी है,
पूजनीय , अभिनंदित ऐसी,
देश की हर एक नारी है ।-
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व्यक्तित्व किताब सा रखो
भुलाना आसान ना होगा
गरअख़बार की तरह रखोगे
तो एक दिन से ज्यादा
उसका कोई काम ना होगा !-
दहेज एक अजीब प्रथा है,
जिसमें लेने वाले को हम,
नीची नजर से देखते हैं
और
नहीं लेने वाले को शक की!
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प्रेम में पहले
दिल टूटता है
फिर मन
फिर विश्वास
फिर मर्यादा,
और टूटने की इस अनवरत प्रक्रिया में
टूट जाता है वो रिश्ता जिसका अंत आदमी के
टूट जाने पर खत्म होता है।
• अवनीश "किशु"
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मोबाइल हाथ में ना हो तो,
समय नहीं कटता
और हो तो
हम दुनिया से कट जाते हैं!
~अवनीश "किशु "-
पैसे उधार माँग के,
ले जाते जो हैं एक बार,
उनसे ही माँगने हैं पड़ते,
अपने ही पैसे बार -बार
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विक्रेता और क्रेता
जैसे
वोटर और नेता
--एक बिके हुए वोट की आवाज़
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सरगम का वो सुर टूट गया,
जिसकी सबसे ऊंची थी तान,
संगीत पटल पर अंकित थी,
माँ शारदे का थी वो वरदान,
स्वर की देवी खामोश हुई,
खामोश हो गया उनका गान,
सांसो की टूट गयी डोरी,
वाणी पे सहसा लगा विराम ।— % &-
प्यार जुदा कर देता है,
दोस्तों और रिश्तेदारों से,
दुखी और मन के बीमारों से ।
अपना सारा समय हम एक ही जगह लगाते हैं,
उसकी पसंद में अपने, शौक भी भूल जाते हैं ।
तब तो बस ये लगता है,
कि इन खुशियों की ढलने वाली कोई शाम नही है,
इससे अच्छा शायद, दुनिया का कोई काम नही है ।
पर कुछ ही दिनों में, खर्चों से रूबरू होती है जिंदगी,और हो जाती शुरू,
छोटी छोटी जंग है,
तभी इश्क़ से वहाँ, फिर होता मोह भंग है ।
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