मातृशक्ति सदा - सर्वदा विजित रहती !
भक्ति चाहे हर दम बढती-घटती रहती !!
सृजन परिपालन सदा नवपल्लित जगती!
चक्र चाहे हाथों में हो या समय की थाती !!-
Bharat Tadvi
(Bharat Tadvi)
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Bharat
लिखना तो शौक के खातिर करते हैं
वर्ना समय कहाँ चुरा सकते थे.....
❤'' लाइक'' करनेवाले प्... read more
लिखना तो शौक के खातिर करते हैं
वर्ना समय कहाँ चुरा सकते थे.....
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Joined 19 April 2018
23 SEP AT 16:20
23 SEP AT 12:04
शांत रहकर कर्म करो.. 'कर्मफलं हि बलियसि !'
शांत रहकर फल भुगतो.. 'कर्मात् भाग्यं फलति !'-
22 SEP AT 19:09
"क्यों आये वापस लौटकर.?" - घमंड बोला..!!
"बस ! जी नहीं लगा, चला आया..!" - प्यार बोला.. !!-
20 SEP AT 19:35
आशिकों को झुकाना माशुकाओं की आदत रही है !!
बेशक, आशिकों का रवैया भी आननफानन रहा है !!
-
18 SEP AT 8:41
खुद ही बनाना होगा अपना आशियाना, अपनी पहचान भी !
लकीरों पर चलकर तो सिर्फ कामयाबी मिलती है,आत्मतोष नहीं!-
18 SEP AT 8:36
दुःख गिने नहीं जाते ; अक्सर संभाले जाते हैं !!
ये मुहब्बत है यारों! सिर्फ यादोंके मुर्दे ढोये जाते हैं !!-
17 SEP AT 8:46
जग में बहुत नाम पा जाते हैं !!
प्यार का नगमा जो जी जाते है
जगत में बहुत दुःख दर्द पाते हैं !!-