भुला नहीं सकेंगे हम, अपनें वीरों के बलिदानों को।
उनके परिवार के रुदन को, बच्चों के अरमानों को।
बहुत हुआ शांति-समझौता, इनको अब सबक सिखाना होगा।
पीठ पर जो मारा है खंजर, इनको भी आंख दिखाना होगा।
प्रतिशोध की भड़की है जो, ज्वाला अब यूँ अटल कर दो।
मसला अक्साई चीन-लद्दाख का, लगे हाथ ही हल कर दो।
गलवान घाटी में करके हमला, कब्र तुमने खोदी है।
चीन सुन बैठा है जो दिल्ली में, बाप तुम्हारा मोदी है।
छक्के छुड़ा दिये पाक के, कुछ वैसे ही तालीम पे हो।
मोदी जी बस यही गुज़ारिश, अगली स्ट्राइक चीन पे हो।-
भारत भू की मिट्टी से ये बदन हमारा बना हुआ है,
शेरों की मुस्तैदी से ये वतन हमारा बना हुआ है,
ना भूलें है, ना भूलेंगे उन वीर शहीदों की गाथाएँ
जान गँवाई जिन वीरों ने नमन हमारा बना हुआ है।-
"मैं शादीशुदा हूँ।"
एक ही वाक्य
किसी के लिये वीर
किसी के लिये करुण
तो किसी के लिये हास्य रस से भरा है।-
लहु बहा था किसी का, किसी ने सुली पे साँसे चढ़ाई थी,
हस कर जान दी है वीरों ने, यूँही नही हमने आज़ादी पाई थी।।-
आदिकाल से भारत का
स्वर्णिम इतिहास रहा ,
महाराणा प्रताप , लक्ष्मीबाई आदि
वीर-वीरांगनाओं का पराक्रम
इसकी पहचान रहा ।
कालांतर में आर्यवर्त
आदि नामों से इतिहास बनाया,
बाद में भारत कहलाया।।-
मेरे देश में चल रहा तर्क तो देखो,
देश के दो जवानों में फर्क तो देखो...
एक को शराब के इंतजार में खड़ा देखा,
दूजे को शहादत में इंतकाम से लड़ता देखा...-
अनंत निष्ठा कि इस जग में
कहां कोई पराकाष्ठा होगी,,
ये भारतवर्ष है वीरों का हमारा,यहां
हर नृशंसता एक दिन नष्ट होगी,,
कोई तुम न कोई मैं यहां हर वर्ग समूह
और जात धर्म पुनः सर्व इक ईष्ट होगी..
मंदिर और मदीना से उठ ऊपर यहां बस
भारतमाता की जयजयकार ध्वनि हर्ष होगी..
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।।वीर हमीरजी गोहिल।।
જે વીરના જીવતા મરસિયા ગવાય તે વીર હમીરજી.
જે પોતાના લગ્ન અધૂરા મૂકી રણે ચડે તે વીર હમીરજી.
આ ધરતીના બાપ ની સખાતે જાય તે વીર હમીરજી.
અરે જેનું માથું કપાય તોય ધડ લડે તે વીર હમીરજી.
એવા વીર હમીરજી ગોહિલને તેમની પુણ્ય તિથી પર સત્ સત્ નમન 🙏🙏
।।जय माताजी।। ।।जय क्षात्रधर्म।।
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आओ सुनाऊं गौरव गाथा अपने 'हिंदुस्तान' की
बड़े बड़े शूरवीर और उनके बलिदान की
वीर 'राणाप्रताप' और 'चेतक' ने जो रण जीते थे
वीर 'शिवाजी' के आगे दुश्मन भी पानी पीते थे
खूब लड़ी 'मर्दानी' थी वो जो झांसी की रानी थी
वीरांगना 'अहल्या बाई' की भी नहीं कोई सानी थी
मान-मर्यादा से बढ़कर जीवन का कुछ मोल नही
'रानी पद्मावती' के जौहर व्रत की यही कहानी थी
राजा 'पुरु' ने 'सिकन्दर' को रण में खूब छकाया था
'चाणक्य' ने 'चन्द्रगुप्त' के हाथों मगध बचाया था
इस मिट्टी का तिलक लगा लो वीरों ने इसे सींचा है
आन बान और शान के लिये मृत्यु को गले लगाया है
ऐसे महावीरों एवं वीरांगनाओं को मेरा शत शत नमन🙏🙏🙏-