Shubham Patidar   ($ee...!✍ (WordaHolic❣️))
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Joined 16 April 2019


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Joined 16 April 2019
2 MAY 2022 AT 12:09

मैं दुनिया की रवायतों से वाकिफ लड़का
यारो...मुझे कब्र में नहीं किताबों में उतारो

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22 MAY 2021 AT 16:40

समाज के महल में स्त्री की हैसियत
मात्र 'किराएदार' जितनी रखी गई।

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21 MAY 2021 AT 20:50

इस युग में 'वास्तविक' बने रहना भी एक 'कला' है।

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2 MAY 2020 AT 16:52

भूतकाल के गर्भ से - जन्म,
वर्तमान के गर्भ से - जीवन,
और
भविष्य के गर्भ से - मृत्यु
की उत्पत्ति अटल है...

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1 APR 2020 AT 18:18

I mistakenly understood the CIRCLE
Between us,

But everything was ZERO
Between us.

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19 NOV 2019 AT 10:56

मोहब्ब्त-नफ़रत सब एक साथ आए हैं,
मेरी महबूब के लिखे खत हाथ आए हैं...

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26 OCT 2019 AT 15:09

मैं राम का अभिमान हूं,
तो रावण का अहंकार भी मैं...

मैं बुद्ध की शांति हूं,
तो ख्वाहिशों का औरंगजेब भी मैं...‍

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12 OCT 2019 AT 17:37

In The World Full Of Derivative
Be Someone's Integral...❣️

In The World Full Of Variable
Be Someone's Constant...❣️

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19 JAN 2022 AT 14:21

दर्द, आंसू, बेबसी हर एक
मर्ज़ पे इख़्तेयार मेरे नाम के हैं,

आप क्यूँ रोएँगे मेरे ख़ातिर
फ़र्ज़ ये सारे इस 'ग़ुलाम' के हैं।

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6 MAY 2021 AT 18:25

रीति रिवाज़ कभी गलत नहीं होते,
गलत तो बस 'रूढ़ीवादिता' होती है।

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