हे नारी तुम सृष्टा हो।
इस जीवन की दृष्टा हो।
क्यों बंधन में कैद हो।
संहारक की रौद्र हो।
तुम सृजन हो।
तुम सृजक हो।
तुम गीत हो तुम रीति हो,
इस जीवन की प्रीति हो।
"विश्व महिला दिवस" 8 मार्च-
The empty brain
As much as to fill in
Thoughts evolve out
And a writer's pen
Fabricates after bleeding
Through its mouth.
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नारी जग की शान है
नारी से ही सभी की पहचान है
नारी का करो सम्मान
बचाओ होने से इनका अपमान
कभी मां कभी बहन कभी बेटी
कभी बहू कभी दादी कभी नानी
बनकर तुम्हें सहारा दिया और
तुमने इन्हें ना समझा बेसहारा किया
जो तुम्हारे लंबी उम्र की करती रही कामना
इनकी मोहब्बत का ना लगा सके मुआयना
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औरत जब प्यार लूटने पे आए तो खुद को तबाह और बर्बाद कर दें
और जो क्रोध में आ जाए तो,दुनिया तक को हिला दें_!_!-
उस माँ को भी happy women day
जो बेटी और बहू में फर्क़ समझतीं हैं ।-
औरत के रूप अनेक
उनमें से चुनना एक
ना बाबा ना,
औरत जो समझाये बताये
उसे ही सही समझना !!🤪
अरे जो बात किसी को
समझ नहीं आयी उसे क्यों समझना
समझ के भी क्या करना!!-
आखिर तुम्हारे लिए ही तो
मैने ये सृंगार किया है।
अपनी ज़िंदगी तुम्हारे ही तो
मैंने नाम किया है।-
" एक औरत "
जो ब्रह्ममुहूर्त से....
पहले उगकर..
रात्रि के...अंतिम..
पहर के बाद तक भी...
खुद को भुलाकर..
दूजों के लिए...
मुफ्त....दिनभर पिघलती है..,
वो एक सम्पूर्ण....
साधारण औरत है...,
जिसे एक पुरूष...
देवी की परिधि में जताकर...
अपने बिस्तर के...
चार पावों संग..
हमेशा..बांधे रखना चाहता है...,
और वो औरत..
ज़माने भर के सभ्य-असभ्य...
को समझ जानकर...
अपने कर्तव्यों का निर्वहण..
दोषरहित पूर्ण करती है..
बाहर नौकरी करके...
या घर चाकरी करते हुए..
किसी को जवाब दिए बिना.. !
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