QUOTES ON #विपरीत

#विपरीत quotes

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(विपरीत)

वाक्यों की श्रृंखला में
जाने वो कौन सा शब्द है
जो सदियों से है अभिशप्त।

जिसकी उपस्थिति मात्र से
सुचरित सुकोमल वाक्य भी
बड़ी सरलता से खो बैठते हैं
अपनी सहजता।

जिसके उच्चारण मात्र से
मधुरिम ध्वनियों में होता है विस्फोट
और परिणामतः गूँज उठती है कर्कशता।

संप्रेषणीयता के व्यवस्थित व्यवहार में
भावों की खोने लगती है समस्त अर्थवत्ता।
संबद्ध सुगठित संबंधों को कसने लगती हैं -
तनाव की तंग, तीखी बेड़ियाँ ।

प्रायः निकटता के मध्य होने लगते हैं
व्यर्थ के वैचारिक विच्छेद
हिस्सों में बँटने लगती हैं फिर
मन के बसेरों की दहलीजें ,
जिनके दरवाजे अंत में खुलते हैं-
अक्सर एक दूसरे के - "विपरीत"।

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14 AUG 2019 AT 13:45

जनाब फिसलता बहुत तेज है,
विपरीत जो चलता है टिकता वही है
अक्सर वक़्त के साथ चलने वाले
वक़्त के साथ ही दफन हो जाते हैं
जिन्होंने वक़्त को आंख दिखाई है
उन्होंने ही कामयाबी पाई है।।

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28 APR 2018 AT 0:47

क्या रब का विपरीत अरब होता है?

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24 JUL 2020 AT 10:28

चाहते हो गर, अपनी किस्मत बदलना
कम्फर्ट ज़ोन से होगा निकलना
मत दौड़ो तुम दुनिया की रेस में
धारा के विपरीत होगा तुम्हें चलना

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24 AUG 2022 AT 13:41

रास्ते विपरीत थे पर खुद चुने
रीत खुद चुनी पर निभा न सके
बंध न पाये किसी रीत से
चाहा पर मुक्त हो न सके
आँखो के सामने विदा ले रहे है
चाहा मगर अंक में भर न सके
.....

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4 APR 2024 AT 11:18

एक नायक जब सही रास्ते पर चलता है तो उसे भटकाने का प्रयास किया जाता हैं।
सामान्य मानव एक दिव्य पुरुष को कैसे समझ पाएगा, उसका उपहास किया जाता हैं।
भीड़ में रहना जैसे उसकी नियति ही न हो उसके लिए तो नियत एकांत वास किया जाता हैं।
एक दिव्य पुरुष कुछ भी सोच कर नहीं करता है उसके द्वारा अनायास ही किया जाता है।

उसकी लीला वो ही जाने, सब कुछ जानकर भी अनजान बनकर वो मुस्काता है।
उसका जीवन जैसे औरों के लिए ही समर्पित हो, सबका जीवन सफल कर जाता हैं।
एक नायक जब सही रास्ते पर चलता है तो उसे भटकाने का प्रयास किया जाता हैं।
निःस्वार्थ भाव से ही आजीवन किया होता है उसने सब कुछ और करता जाता है।

उसको नहीं चाहिए धन और दौलत वो तो दो प्रेम के बोल से ही खुश हो जाता है।
ताकत और अर्थ से खरीदने आओगे तो कंगाल हो जाओगे, वो आत्मिकता से बिक जाता है।
आम जन मानस उसे और उसकी बातों को "अभि" कहाँ ही समझ पाता है।
जो उसको समझ पता है आजीवन हेतु उसका हो जाता हैं, उसका हो जाता है।

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5 NOV 2020 AT 20:00







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समझौता नहीं करना,
अपने आत्मसम्मान के,
विपरीत जाकर,
स्वतंत्र हो तुम!
भावनाओं के ज्वार को,
आक्रोश भरे शब्दों में,
बहने न दो,
इन्हें सम्भालो,
सहेजो
और ढहा दो,
ज़ुल्मो-सितम की,
हर दिवार!!

सिद्धार्थ मिश्र

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31 JAN 2019 AT 19:57

विरोधाभास
का आभास
होता है क्यों
हमेशा
आपकी
कथनी और
करनी में
अंतर क्यों
जो कहते हो
वो करते नहीं
और जो करते हो
कहने के विपरीत क्यो ...

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1 JUN 2020 AT 10:12

उसे पसंद है बारिश की पहली बूंदे
मुझे पसंद है सर्दी की सुहानी धूप
उसे पसंद है दोस्तो के साथ चाय
मुझे पसंद हे अकेले बैठे चाय पीना
उसे पसंद है शहरों में घूमते रहना
मुझे पसंद है गांव का माहौल देखना
उसे पसंद है खिड़की से तारे देखना
मुझे पसंद है छत से निहारना चांद
कितने विपरीत है हम एक दूजे से
उसे मै पसंद हूं ओर मुझे बस वो;

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