इक हुनरवाज जाते हुए एक हुनर सिखा गया मुझ को
कोई कितना भी अज़ीज़ क्यूं न हो छोड़ा जा सकता है;-
🎂 5 jan
नवोदयन
18 न... read more
मेरी मोहब्बत को सिर्फ इतना मुकाम मिल जाए
जब तेरी याद आए सिगरेट की दुकान मिल जाए;-
मैं अधूरा ही मुकम्मल मान के बैठा हूं
वो न आए इसे झूठा बताने के लिए;-
दुखों को भूलने की जब भी हिम्मत होती है
यादों का गुच्छा लिए तारीखें खड़ी होती हैं;-
मैंने हताशा में
किसी के कंधे पर सर नहीं टिकाया
कभी किसी के लगकर गले
दुःख में रोया नहीं ज़ार-ज़ार
नहीं साझा कर पाया कभी
एक भी बात की, पूरी आधी बात
ज़रूरत के वक़्त, नहीं माँग सका मदद
और मदद माँगते वक़्त
मोल ले बैठा एक अपराध'बोध।
कइयों को यक़ीन है
कि मैं उनका दोस्त हूँ
मेरा भी कोई दोस्त है,
मैं इतने यक़ीन से नहीं कह सकता।-
भेजा खुदा ने दुनिया देखने को मुझे
मैं हूं की तेरी तस्वीर देखता रहता हूं;-
जो कहता है सबसे,छोड़ दिया उसने मुझे
फिर क्यूं मेरे लफ्ज़ों में खुद को ढूंढता है;-
वो जो कहते हैं बिगड़ा हुआ है लहज़ा मेरा
आओ बैठो बिखरी हुई जिंदगी भी दिखा दूं;-
जो निकलूंगा कभी इस इम्तेहान से मैं
तुम्हें बताऊंगा कितना परेशान था मैं;-