ये
भारत
हमारी जान
हमारी पहचान
इसमें बसते हम
सब भारतवासी के
प्राण, आन, बान, शान
इसके बिना जीना है दुश्वार
इसलिए हमारा भारत है महान।
ख़ून से सींचकर इसको किया क़ुर्बान
देश के उन वीर सपूतों को है नमन बारंबार।-
मानवता पहचान है अपनी।
माता भारती जान है अपनी।
उन पर क़ुर्बान जान है अपनी।-
हम बस देश को अपने जाने।
भारत की ख़ुशहाली के हम परवाने।
मिलकर रहने वालों को अपना माने।-
मोहब्बत होती तो ऐसा होता ही नहीं।
तू मेरी होती तो दिल ये रोता ही नहीं।-
न रुक, न थक, न झुक, बस चलता ही जा ओ मुसाफ़िर।
तेरी मंज़िल, तेरा रस्ता, तेरा कारवां, तू ही रहेगा आख़िर।-
सादगी व शिष्टाचार, ऐसे है जैसे हो दो दूनी चार।
मिलकर रहते हैं संग ऐसे जैसे हो संयुक्त परिवार।-
जो मेरे साथ है ओ मेरे सनम वो याद तुम्हारी है।
मेरे अंदर मुझसे भी ज़्यादा सारी बात तुम्हारी है।
हो रही तन्हाई की मुझसे वो मुलाक़ात तुम्हारी है।
भूलकर भी भूल नहीं पाता, ये याद्दाश्त तुम्हारी है।-
एक लम्हे की क़ीमत वो क्या जाने "अभि" जिन्हें ज़िंदगी खैरात में मिलती हैं।
हमसे पूछो इसकी क़ीमत जब उस बिन जीना पड़े और ये मौत सी लगती है।-
देर से ही सही पर सुनो, तुम आ ज़रूर आना।
वादा जो किया था मिलने का मुकर न जाना।
तुमको आना है कहानी के अंत में मेरी जान।
सुनो आके आधे रास्ते से कभी लौट न जाना।-