न जाने क्यों वो मुझसे लड़ने लगे,
टूटकर हम न जाने कितना बिखरने लगे..
न जाने मेरे दिल के कितने क़रीब थे वो
बातों बातों में वो मुझसे रूठने लगे..
उनके बिना हमारी ज़िंदगानी गुजरती नहीं,
न जाने क्यों हम उनसे इतना मोहब्बत करने लगे..
बातों बातों में क्यों बात इतनी बढ़ने लगी,
इतना आपस में हम क्यों उलझने लगे..
जल्दबाजी में हो गए गलत फ़ैसले
दूर होने से हम डरने लगे..
हो गए हम एक दिन दिल से जुदा,
लम्हें यादों के दिल में
दर्द बनकर उभरने लगे..
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