Amit Bhatore   (Amit)
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Joined 14 June 2018


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Joined 14 June 2018
21 APR AT 23:27

एक न एक दिन होंगे पूरे

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21 APR AT 23:25

ख्वाब देखने चले थे
न नींद आई न विचार
देखते ही देखते
सुबह हो गई

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31 JAN AT 13:12

महकता रहे हमेशा
बनकर बालों का श्रृंगार
किताबों के पन्नों में बन स्मृति

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13 NOV 2023 AT 10:10

सफेद पेज पर
भर सकते हैं मनचाहे रंग
लिख सकते हैं मन की बात
मोड़ सकते हैं अपने अनुसार
सुंदर आकृतियों में
भेज सकते हैं संदेशा
कर सकते हैं सुरक्षित
अतीत की स्मृतियों में

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31 OCT 2023 AT 1:24

भूली बिसरी यादों में
खो जाते उनकी बातों में
खुद को भी मालूम नहीं
नींद नहीं क्यों आंखों में

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20 OCT 2023 AT 14:29

मंजिल तक
पहुंचाकर रहती है

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20 OCT 2023 AT 14:21

उन्हें पूरा करने
के लिए
दिन रात
जागना पड़ता है

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20 OCT 2023 AT 14:18

अपने अस्तित्व को
बचाए रखने के लिए

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16 JUN 2023 AT 23:49

कभी सीधी, कभी टेढ़ी
कभी बदल दे सबका हाल
कभी अच्छा, कभी बुरा
समय चक्र की यही चाल

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18 MAY 2023 AT 21:56

हमेशा ही रहा सतरंगी
खुशियों में कभी चटख
गम होने पर रहा पतझड़ सा
खालीपन होने पर
सूरजमुखी सा पीला
नीरसता में चांद सा शीतल
परेशानी में सावन सा हरा
लेकिन हमेशा ही रहा
रंग बिरंगा..

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