कि चलिए लगा..
किसी ने तो पूछा..-
One should kmow the meaning
Of self realisation and self love.. First..-
राबता ही क्यूं रखना.. अपना कहना ही क्यूं..
जो हो बात से किसी से रिश्ता..
वजह से हो तो.. रिश्ता नहीं वो चंद लम्हों का साथ होता है..
अपने तो दिल से जुड़े होते है..
उन्हें पता आपसे पहले पड़ता है..
आपके आंसू से पहले पता होता है..
उन्हें कैसे आएगी मुस्कान आपके चेहरे पर..-
चांद के पहरे पे... सन्नाटे की जुबान थी..
वो कहानी कि बात कहां.. हकीकत कि बात थी..
आहिस्ता बातें थी.. हमारी उनकी रोज़ कि..
वो गुमसुम थे किसी बात से हमारी..
मिजाज़ बड़ा खूब शानदार रखते थे..
हम भी कहां मानने वाले थे..
देखते हुऐ उन्हें .. मुस्कुराया ही था..
सारा भरम गुस्से का दूर हो गया..
कहते हैं इश्क़ में कोई साजिश नहीं चलती..
जो बातें है गर दिल से हो.. दिल एक दूजे से जुड़े हो..
सब हो जाएगा पर खुद से वो अपना दूर कभी नहीं जाएगा..-
फिज़ा का जादू भी भा गया..
मौसम में मस्त हसीन.. ख्वाब सा
जो आए आप हमारे..-
बिखर के भी चमन में मेहकेंगे..
ज़र्रा ज़र्रा टूट के भी.. कभी
शिकायत नहीं करेंगे.. तुम रहना..
यूंही ऐसे ही.. हम जान के भी अनजान
बने रहेंगे..-