भी तुम पहली सुबह से लगते हो.
सुनो एक बार दिल की मेरी धड़कनों से..
आवाज़ गूंजेगी आपकी ही तारीफ की..-
Kya soche khud ke liye..
Yahan gar khud ka kuch bachta hota to jarur
Sochte..-
आप यूं नाराज़ अच्छे लगते नहीं..
बात बात पर शक करते हो.. बात करिए..
अपना कहते भी हो.. अपनों से बैर भी है.
जाने कैसा प्यार है.. मेरी बंदिशे तू क्या जाने..
मै दूर भी तेरी खातिर हूं.. कैसे कहूं कि कैसे रखता दूर खुद को हूं..
सब खातिर मोहब्बत और तेरी ख़ुशी की खातिर है..
आज नहीं तो शायद.. कभी तो इसका इल्म तुझे भी होगा..-
यूं बालों को सुलझाने कोई और क्या आयेगा..
तू अज़ीज़ है दिल को बड़ी.. तेरी रोशनी मे नहाने और कौन आयेगा..
तू मोहब्बत है बार बार क्या सबूत मांगता है..
एक दफा ऐतबार करके धड़कनों से भी पूछ लिया करो..
समंदर जितना इश्क़ है.. कतरा कतरा जो सब तेरे नाम है..-
राहतों को रातों का साथ भा गया..
सब मेरा तेरा जो गया..
हर राज़ दफ़न सीने में हो गया खुश रहना वहां..
नाम तेरा नहीं लिया हमने किसी को भी तेरा..-
Defined with
Setting urself
Free from other’s
Belief and expectations..-
Na kami hai koi..sab saaf hai..
Wo jindgi kehne wala..ab jindgi ki sonson se bhi rukhshat hai..-
Badi betabi se milta hai…
Kai jatan karke milta hai..
Yeh pal do pal ka chain…-
Par majburi ko naam e kaid na den..
Ham to milenge furshat se tujhse..
Tu itminan se milne ka jikra bhar..
To kabhi dil se kare..-