QUOTES ON #लेख

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11 AUG 2020 AT 1:22

Self Portrait

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21 AUG 2020 AT 6:08

मैं तो
भाव शून्य हूँ
भावना तो मेरी तुम हो
लिख
तभी पाती हूँ
जब भाव तुम्हारे होते है
शब्द बनकर रहते हो साथ मेरे....

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17 OCT 2020 AT 15:24

भूतपूर्व आईएएस और 'रागदरबारी' जैसे अतिलोकप्रिय उपन्यास के लेखक श्रीलाल शुक्ल का लिखा रोचक लेख 'संस्कृत पाठशाला' पढ़ते हैं

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16 OCT 2020 AT 15:20

बरसों पहले की बात है। मैं बीमार था। उस बीमारी में एक दिन मैंने सहज ही रेडियो लगाया और अचानक एक अद्वितीय स्वर मेरे कानों में पड़ा। स्वर सुनते ही मैंने अनुभव किया कि यह स्वर कुछ विशेष है, रोज़ का नहीं। यह स्वर सीधे मेरे कलेजे से जा भिड़ा। मैं तो हैरान हो गया। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि यह स्वर किसका है...

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17 SEP 2019 AT 23:07

घड़ी को समेटकर, आज जो वक़्त लेने आई उसका
जैसे ही बैठी पास उसके,
मानो दूर होकर हमसे, मुँह हो लिया अपना लटका

बड़ी ही नाराज़गी से वो पेश आए थे, हम भी तो थे कसुरवार
इतने पहर बाद जो वक़्त तिखला कर आए थे

कभी सुबह, कभी साँझ, कभी चढते सूरज में भी उसे तलाशना चाहा था
पर, फिर वही दूसरे राह का बुलावा, बस फ़ासला थमा गया था

कभी जो बैठे कलम काग़ज़ लेकर, सोचने उसे
कुछ एक रूप लिखा ही था उसका, फिर वो चिढ़ाते दूर भागते चले गए

आज वही पुराना अपना उससे तुक जोड़ना चाहा,
मेरी आँखों का अल्फ़ाज़ है वो, उसे बस यही समझाना चाहा

बग़ैर उसके मेरी सोच की कोई पहचान नही,
"शब्द" "लेख" है उस ख़ास दोस्त का नाम मेरा
इस बात से ये काग़ज़ कलम ये सोच, वक़्त का पहिया भी अनजान नहीं

भले ही कम मिलना जुलना होता है, आजकल अभी
पर थोड़ी न! "लेख" से दूर हो पाऊँगी कभी...

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30 OCT 2019 AT 8:59

कविता से ही कवि बना हूं ।
कविता में ही विलय होगा।
राग नहीं छीनी है किसी की।
मेरा खुद का लय होगा।


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20 FEB 2018 AT 8:40

कभी कभी तो ये जि़ंदगी तोड़ दिया करती है

"टूटे हुओं को संभालने का जि़म्मा मैंने भी ले रखा है"
"पर जब बारी मेरी होती है तो मुझे संभालने कोई दिखता तक नहीं है"

हर ज़रूरतमंद किसी न किसी रास्ते मुझ तक पहुंच जाता है
जब बात मेरी मजबूरी की होती है मुझे कोई रास्ता तक नहीं दिखता है"

जहां बहुतों के मार्गदर्शन के दीये मैंने जला रखे हैं
वहीँ मुझे दुविधाओं से मुक्त करने वाले ने मानो जन्म ही ना लिया हो"

भगवान की मुझ पर बस इतनी ही कृपा काफी है
सेवा में तल्लीन मेरे पास उदासी केलिए वक्त नहीं है।

Inspirational pen ✍



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30 JUN 2020 AT 12:11

चीनी एप्प और भारतीय लोग(हम)

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7 APR 2019 AT 15:01

लेख का रूप लेकर आया करती है कविता भी
कहीं हो न जाये उसकी भी भ्रूणहत्या

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25 OCT 2018 AT 19:55

ये गली और मोहल्ले तुम्हारे दीदार को तरसते है,
बादल भी तुम्हारे कहने से बरसते है।।

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