Anu Gupta   (•••★Anu★♥️)
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Joined 26 May 2018


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18 FEB AT 9:23

तुम ना कहो तो भी समझ जाएँगे,
तुम्हारी मूक बातें ही,
अक़्सर…
दिल के भीतर शोर करती है।

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9 NOV 2023 AT 7:20

गुस्ताखियाओं के आँख में पट्टी बाँध यूँ,
छिपे प्यार को टटोले आज

उलझे थोड़ा कम आपसे में,
रिश्तों के टेढ़े मेढ़े भँवर में,
क्यूँ ना! समझ को एक दूजे के पाले में धकेले आज

चलो आँख मिचौली खेले आज !

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4 NOV 2023 AT 18:12

कहने में क्यूँ हिचकते हो…
ख़ामोशी के तहख़ाने में,
क्यूँ घुटते जलते रहते हो???

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9 OCT 2023 AT 8:30

मिल जाएँ एक दूजे में, क़ुरबत की तरह
ख़ुदा से माँगता हूँ रोज़ तुझे, इबादत में
मेरी रूह में समाई है तू, पाक नियत की तरह

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29 SEP 2023 AT 14:08

…………..

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26 JAN 2023 AT 13:08

शहीदों के सजदें में झूमता रहे
हमारा प्यारा तिरंगा।
संविधान में स्याही से गुज़रे सदैव सच्चाई अमन का॥

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2 JAN 2023 AT 23:57

बेवफ़ाई की स्याही से, मेरी तस्वीर नही गढ़ना
हर सवाल का जवाब, ज़ुबान नही देती
कुछ अनकही मेरी, बहते काजल में पढ़ना

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1 JAN 2023 AT 0:53

चेहरे पर खनकती सुकूँन से,
दिल में गुमसुम दबी हँसी से,
स्वागत है तुम्हारा,
यादों की खुलती एक नई गठरी से,
आँखों में उम्मीदों की नमी से…

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29 OCT 2022 AT 15:27

छठ आ गया है, सुकूँ से भरा छठ गीत मन को हर्षा रहा है
अब देखो ना! मैया हर बार की तरह tension में है
कि सब कैसे होगा।
नहायखाय खरना उत्सव सब समय पर काम कैसे होगा॥
इधर छूटकी छठ के समान वाली लिस्ट खोजने में लगी है।
साथ साथ पापा की डाँट की फुहार भी धीमी धीमी बरस रही है॥
नारियल गागर निम्बू ईख हल्दी सूथनी सूप सब लिख लिया है।
बस समय रहते पता चल जाए अगर कोई भूल चुक किया है॥
दिल में उत्सव ऐसे,
मानो छठी मैया ख़ुशियों को आने का संदेश भिजवा रही है।
अब समय भी है कम
मैया धीरे धीरे छठ प्रसाद का श्रंगार जुटा रही है॥
भैया घाट को सजाने की तैयारी में जमे है।
बड़ी बहना रसोईं घर सम्भालने में इधर उधर कर रहे है॥
बड़की बबुनी के ससुराल में सन्देशा भिजवा दिया है।
जल्दी जल्दी आओ हमारा साल भर का पर्व आ गया है॥
चलो चलो अभी के लिए चलते है।
Dress के selection सब set up करके फिर मिलते है॥

Insta : anu.writing_journey

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14 SEP 2022 AT 13:19

सभी ज़ुबान की दुलारी सबसे प्यारी हिंदी,
जज़्बात के चूनर में लिपटी,
दिल की बात कह दे सारी हिंदी॥
जो है गौरव भारत देश का, अपना बना ले सबको
ऐसी संवादों भरी मुख की बेक़रारी हिंदी॥
वर्ण शब्दों के मेल से बनी वाक्य व्याख्याओं से गुजरती,
क़िस्से कविताओं की फुलवारी हिंदी॥
क़लम किताब की पक्की सहेली,
दिल में समा कर बैठे सबकी चंचल न्यारी हिंदी॥

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