एक पशु भी है एक शिशु भी है
मेरे अंदर शायद तेरा यीशु भी है-
ईश्वर को बाँटा टुकड़ों में
ले अलग-अलग सा नाम
कहीं अल्लाह, कहीं यीशु
कहीं गुरू गोविंद तो कहीं राम,
पाया फिर भी न सुख का मुख
न मिला मनन का धाम
जाप करे बस मुख से सब
मन में बसाये शैतान,
ये धर्म, जात की सूरत से
जब तक न होगे अन्जान
न मोह मिले, न मोक्ष मिले
न हृदय को मिलेगा विराम,
धर्म की उदारता त्याग कर
हो जाओ एक समान
हिंदू-मुस्लिम की डोर छोड़
बस बनो नेक इंसान।
-Satty-
चाहें तुम करो कितनी मूर्तिपूजा,
बजाओ मंदिर के घंटे सुबह-शाम;
पढ़ो नमाज़ पाँचो वक़्त की
और करो हर साल रमज़ान;
भजन करो तुम उस यीशु के
मानो उसे सबसे बढ़ कर महान;
पर नहीं पाओगे उस ईश्वर को
जब तक न पाओ तुम प्रेम की खान;
प्रेम ही है सबसे बड़ा ईश्वर
बस उसे पा लिया तो, बन जायें सब काम!-
"यीशु मसीह"
बैथलेहम स्थान में एक नूर ने जन्म लिया
"बड़े दिन" का दुनिया ने है उसे नाम दिया
पिता जोजफ, माँ मरियम से जन्म मिला
ईश्वर की संतान मान सबने सम्मान दिया
ईसाई धर्म को पूरे जग में स्थापित किया,
तूमने प्रेम, क्षमा, अहिंसा का ज्ञान दिया
तेरे चमत्कारों ने ढोंगियों को यूँ डरा दिया
क्रूर दुष्टों ने तुम्हें सूली पर था चढ़ा दिया
अनगिनत जुल्म कर प्राणों को हर लिया
तूमने फिर भी दुष्टों को यूँही क्षमा किया,
"क्रिसमस डे" को तू धरती पर था आया
"गुड फ्राइडे" को था अपना प्राण गवाया
"ईस्टर" के दिन था तूने पुनः जन्म पाया
तूमने जीवन का है उचित मार्ग दिखाया
यीशु तुम अनुचरों पे रखना अपना साया।-
सच की अलख
नानक ने सच की अलख जगाई
कृष्ण ने प्रेम की बंसी बजाई
यीशु सूली पर जा चढ़ गए
हज़रत ने नेकी की राह दिखाई
कौन कहे जी झूठ ही बोलो
कौन कहे जी कम कर तोलो
बिना भेदभाव सब ने बांटी बस अच्छाई
सुनो उन्होंने क्या-क्या बताया
जीवन का जो सार बताया
परहित बोलो परहित सोचो
परहित करना काम रे भाई-
कीर्तन, जुलूस, घण्टे, अजाऩ, शोर एक सा अंदाज जुदा है।
राम नींद में ना कोमा में यीशू, सतगुरू गुम ना बहरा खुदा है।।
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रोमियो 3:20
क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके सामने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है।
-पवित्र बाइबल-
फिलिप्पियों 2:7
वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया।
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तुझे पाने के लिए
मेंने मंदिर की चौखट पर, मस्ज़िद के धागों में
गुरुद्वारे के दरवाज़े पर , यीशु के हाथों से
सब जगह दरख़्वास्त की है
और तू मिली उसे जो ख़ुद ख़ुदा से अंजान था-
मुझे ये डर है कि
गौतम महावीर के इस देश में
उनके अनुयायियों के लिए
कही शाम न हो जाए
मुझे ये डर है कि
गांधी तेरे देश में युगो से
विश्व में सर्वत्र व्याप्त
जीवो में एक दूसरे के प्रति
असहिष्णुता न बढ़ जाए
मुझे ये डर है कि
यीशु तेरे इस लोक में
जीव हत्या और मांस भक्षण
यूँ ही न चलता रहे-