राजीव कुमार जातुष्कर्ण   (Rajiv Kumar Sharma 'Jatu)
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Joined 11 January 2019


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Joined 11 January 2019

वक्त आने पर ही
होते जीवन के काज
वक्त आने पर ही
बजते जीवन के साज
आदिकाल से अब तक सिर्फ
वक्त के पहिए पर ही मानव
चलकर पहुँच पाया है आज

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फूल है खूबसूरत
खूबसूरत अंदाज है
फेंक दिया करो फूल
उन बीमारी पर भी
जिन्हे हुई खाज है

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बड़ा दारूण और करूण नजारा होता है
किन्हीं दो देशों के बीच युद्ध के मैदान का
मरते हैं आम जन बहुत तड़प तड़प कर
सिर्फ प्रश्न होता है किसी झूठी आन बान का
मरते हैं पुरुष बूढ़े महिलाये कीडो मकोड़े की तरह
विश्व के राजनीतिज्ञों के लिए होता है यह खूनी खेल
विश्व पर प्रभु सत्ता के लिए बहुत खूनी चौगान का
किसी को भी फिक्र नहीं है किसी के दुख दर्द की
सभी को फिक्र सता रहा है देश की परम शान का

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खुशियां खुद मिल जाती है
जब होती है किस्मत मेहरबान
सदैव शुभ कर्म किए जा रे
होगा सदैव बहुत सम्मान
सदैव खुशियों के पीछे मत दौड़ो
सिर्फ बहुत भलमनसाहत को ही
बना लो अपनी बहुत पहचान

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आंसू कमजोरी नहीं

तेरी आंखों के आंसू तेरी कमजोरी नहीं
ये तो अश्क है तेरे बहुत मलाल के
करता है तू बहुत शिकवा इस जमाने का
जिसने रंग बदल दिए हैं बहुत की खाल के
श्रीमान न पहले ठीक हुआ न आगे ठीक होगा
गरजते रहेंगे यूं ही बादल हमेशा बहुत बवाल के

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वाह क्या बात है चाय की
पर इतना भी मत ललचाया करो
पीकर ताज ब्रांड वाली मीठी चाय
वाह ताज वाह ताज चिल्लाया करो
लेना हो अगर चाय का पूरा मजा
मुंह में लेकर गुनगुनी मीठी चाय
पूरे मुंह में घंटो घुमाया करो
जब चाय संग मक्खन ब्रेड मिल जाये
बहुत ही बल्ले बल्ले चिल्लाया करो

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भरोसा कीजिए खुद पर
तू आबाद हो जाएगा
चूहे जैसा दिल रखोगे
थोडा बर्बाद हो जाएगा
सत्साहस है एक गुण अच्छा
कामयाब सौ बार हो जाएगा

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जीवन में सच्चा गुरु वह है
जो फैलाता है सच्चा ज्ञान
मानवता दयालुता जो सिखाए
करते हैं याद बहुत इंसान
जो गुरु दे जीवन उपयोगी शिक्षा
पाते हैं समाज में बहुत सम्मान
गुरु भंडार होते हैं बहुत ज्ञान के
युगो युगो से है यही उनकी पहचान

गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाओं के साथ

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गुरु होते हैं बड़े पूज्य ओर आदरणीय
करते हैं सब शिष्यों ओर शार्गिदो पर
ज्ञान और आशीर्वाद की बरसात है
करता है अगर तू गुरुओ का सम्मान
तभी होता बहुत भगवान का साथ है
गुरु फैलाता है ज्ञान का प्रकाश
बिन उनके जीवन में होती है
सिर्फ अज्ञान की रात ही रात है

गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाओं के साथ
🙏🙏💐💐🌹🌹

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आपकी बात तो सच है
फिर हम उसे झूठ क्यों बतलाएं
रसोई घर में पकी है लजीज भिंडी
फिर हम लौकी कद्दू कैसे खाएं
बोलते हैं आप सच भी कभी-कभी
फिर हम आपको एकदम झूठा बोलकर
लोगों को कैसे और क्यों फुसलाये

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