रही बुराईया हम मैं " darjan नो " !
आपकी तो wholesale मैं हैं उसका क्या?-
तुम...सही हो,
क्यूंकि मैंने सही माना है तुम्हें।
तुम...मेरा आत्मविश्वास हो,
क्यूंकि मैंने आत्मा का सार माना है तुम्हें।।
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माना कि यार की शक्ल में तुझे सब फरेबी ही मिले ...
बस एक आखिरी बार मुझको भी आजमाओ तो सही।
माना कि तुम आलिम हो और मैं जाहिल हूं ...
बस एक बार अपनी बात समझाओ तो सही ।
माना कि सब कातिल है मसीहा नहीं कोई ...
बस एक बार मुझे हमदर्द बनाओ तो सही ।
माना के शाम में परछाइयां बड़ी हो जाती है...
तुम उम्मीद की एक लौ जलाओ तो सही ।
माना किनारे पे आके भी डूबती हैं कश्तियां ..
तिनका हूं तुम एक बार मेरी तरफ हाथ बढ़ाओ तो सही।
कह दो जो तुम तो उम्र सारी तुम्हारे नाम ही लिख दूं ...
एक बार मुझे देख मुस्कुराओ तो सही।
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माना कि जिदंगी से हम बहुत तंग हैं ..
पर जब तुम साथ हो फिर क्या गम हैं..-
माना थोड़ी जिद्दी है ये ज़िंदगी पर इतनी भी नहीं कि, निकालना ही है तो नफ़रत निकालिए, यूं दिलों से मोहब्बत नहीं..!
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हमने माना के ज़िन्दगी दुश्वार है लेकिन,
ये क्या है ऐ बशर की तू जीना ही छोड़ दे اا
कुछ मुरादें मुमकिन नहीं माना मैंने मगर,
ये क्या है ये सितम की तू पीना ही छोड़ दे اا
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माना तुम सजते-संवरते नहीं
लेकिन आईने में खुद को देखते तो हो ना !
माना कि तुम्हें पोज़ देना नहीं आता
लेकिन अपने दोस्तों के साथ सेल्फी तो लेते हो ना !
माना तुम्हें शायरियां करना नहीं आता
लेकिन गानों को गुनगुनाते तो हो ना !-
Manaa ki zindagi,,
Tufani tamashaa hai...
Bas mayush huaa na karo,,
Ye itna bhi bura nhi, Achha khasha hai...-
सांसो का है खेल!
दीया, बाती काम
के नहीं बिना तेल!
लोहा - लोहे को
काटता है तब
ही बनती है रेल!
हिम्मत कर आगे
बढ़ने की और
दु:ख भी झेल !-
माना चाहा था मैंने तुम्हें बेपनाह टूट कर
धोखा दिया तुमने मुझे और दूर हुऐ हम तुमसे रुठकर।।-