आज भी एक त्यौहार है,
मतदान करना अपना अधिकार है।
न जाति से न धर्म से ,
मेरा मत, उसके अच्छे कर्म से।
देश को दिलाएं एक नई उड़ान,
करें उसी को अपना मतदान।
मन में रख सवाल हजार, कौन करेगा देश का उद्धार,
मतदान अपना अधिकार, पांच साल तक रहेगी अपनी ही सरकार।
फिर न कोसना देश के सरकार को, न कहना नेता भष्ट्राचार है,
सोच समझ कर करना मतदान, वोट उसी को जो इसका शख्त हकदार हैं।
किसी ओर को देख के नहीं कि उसने क्या चुना है,
जो दिलाए देश को नई पहचान, उसे ही वोट देना हैं।
इस कुर्सी पर किसे बैठाना है,
इसका चुनाव हमें ही करना है।
जो देश के प्रत्येक नागरिक के मुश्किल में साथ,
अपनी पसंद से चुने सरकार यह अपने हाथ।
जब न आए कोई सरकार पसंद ,बटन दबाना नोटा पर,
लेकिन मतदान अवश्य करें यह अपना है अधिकार।
आज भी एक त्यौहार है,
मतदान करना अपना अधिकार है।
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