तेरे हर इल्ज़ाम को हमने सर आँखों पर सजा लिया है,
तू अगर मुझे अब बेवफ़ा भी कहे तो मंजूर है मुझे!-
अगर करना हो तो follow ना करना।
यदि आप मेरे quotes, poem का sta... read more
भूल गयी ख़ुद को,
या ख़त्म कर दिया,
पर जो भी किया
उसमें कभी
उसका बुरा न किया,
ना सोचा कभी,
प्यार किया बस प्यार किया,
ख़ुद को हमेशा
उसके बाद रखा!-
अपने कुछ दर्द सिर्फ़ हम ही समझ सकते हैं,
किसी और से समझने की उम्मीद नहीं कर सकते,
हाँ उससे भी नहीं जो हमारे दिल के सबसे करीब है,
चाहे प्रेमी/प्रेमिका हो या पति/पत्नी या कोई और!
एक वक्त के बाद हमारे दर्द, तकलीफ,
उनके लिए बोझ बन जाता है!
और फिर हमें और ज्यादा तकलीफ़ होती है!-
पारदर्शिता अगर व्यवहार में हो तो
रिश्ते मजबूत बन जाते हैं,
जहाँ दोनों में सच्चाई और ईमानदारी हो,
और ना हो तो झूठ, छल-कपट और ईर्ष्या |-
तुझसे लड़ना, झगड़ना सब तेरे लिए
तुझे पाने के लिए, तुझे मनाने के लिए,
कुछ वक्त तेरे साथ बिताने के लिए,
प्यार के दो पल साथ गुजारूं,
हँसू ,खिलखिलाऊं,नाचूं ,गाऊँ
जो भी हो सब तेरे साथ,
पर शायद मंजूर ना था तुझे,
मेरा रहना तेरे पास,
बोझ बन गयी प्यार की बातें,
या हम कभी हुए ही नहीं थे तेरे खाश!
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