मुझसे पूछे दुनिया- तू ऐसे क्यों रहती है?
मैं पूछूं दुनिया से - तू कौन है जो यह कहती है?
मेरे रूप से श्रृंगार से, क्यों चिढ़ती है मेरे व्यवहार से,
मैं जो हूं वह हूं तेरे सामने,
तू देख मुझे इस आर से या देख मुझे उस पार से।
खैर ये जो दुनिया के नुक्स है ,उससे ज्यादा मेरे हुक्स हैं
मैं अपने दिल की रानी हूं ,मुझको मुझसे ही इश्क है।
मुझसे पूछे दुनिया- तू ऐसे कैसे कपड़े पहनती है ?
मैं पूछूं दुनिया से- तू क्यूं मुझे इतना देखती है?
मेरी ब्रेस्ट की साइज से लेकर, जींस की फिटिंग टाइट से
क्यों इतनी दिक्कत है तुमको मेरी लाइफ स्टाइल से।
मेरी बात से मेरे ख्याल से , मेरी सीधी टेढ़ी चाल से
क्यों इतना फर्क पड़ता है तुमको, मेरे गोरे काले गाल से।
मुझसे पूछे दुनिया- क्यों इतनी अकड़ में रहती हो?
मैं पूछूं दुनिया से - तुम क्यों मुझसे इतना चिढ़ती हो?
मैं ना छलिया हूं ना छल करती हूं,
छमिया हूं बेफिक्री मैं ,छम छम छम छम करती हूं।
मशवरों की चादर तेरी मैं, ओढ़ू कभी ना ऑडर से,
जो होता है मूड मेरा , मैं हो साइलेंट वही बस करती हूं।
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