एक लिखने वाले के लिए
सबसे दुःखद घटना है
कि उसको रोना आए,
"लिखना नहीं आए"..!!!
:--स्तुति-
मुझे लगता है जो
अधूरा होता है,
उसमें गुंजाइश
हमेशा बाकी होती है
पूरा करने के लिए,
जताने के लिए
याद दिलाने के लिए
महसूस कराने के लिए
लिखने के लिए,
जो साथ चलता है
वो तो कही खो जाता है
उसी खोए हुए को ढूंढने में
बीतता है जीवन
और साथ साथ बीत
रहे होते हैं हम..!!!
:--स्तुति
-
किताब पढ़ रही हूं
वो भी अपनी मातृभाषा में,
खोए हुए खुद को ढूंढने
के लिए इस से सही विकल्प
मुझे मिला नहीं,
कभी लगे कि इस
बनावटी दुनियां में
तुम खोते जा रहे हो,
अपनी मातृभाषा में
किताब पढ़ना,
मातृभाषा और किताब
मदद करेगी
"तुम्हें तुम्हारी खोज में"..!!!!
:--स्तुति-
तमाम तथ्य को
झुठला कर,
तुम असंभव सा
ख्वाब बुनना,
किसी की परछाई
को ठुकराकर,
तुम सिर्फ
खुद सा होने चुनना..!!!
:--स्तुति-
कुछ पुरुष इसलिए भी
पत्थर हो गए,
क्योंकि सराहा नहीं गया
उनका मोम होना..!!!
:--स्तुति-
दुनिया को गुमान है कि
उसकी उड़ान
कुछ कम है,
पर सच तो ये है कि,
उसके उड़ान के लिए
आसमान कुछ कम है..!!!
:--स्तुति
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आप भूल में हो साहब
कविताओं और कहानियों में
खुद को ढूंढती हुई लड़की,
इस बनावटी दुनिया में
आपको नहीं मिलेगी..!!
:--स्तुति
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