लगा के "आग" शहर को,"बादशाह" ने कहा,
उठा है आज दिल में "तमाशे" का शौक बहुत,
झुका के सर सभी "शाह-पस्त" बोल उठे,
"हुजूर" का शौक "सलामत" रहे,
"शहर" तो और भी बहुत हैं..!!!!-
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देखते हैं तू कितने पत्ते
खोलता है इस बार...!
हुकुम का इक्का
जिंदा था मेरा और
रहेगा हर बार ....!!-Anjali Rai
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अपनी ज़िन्दगी के सब बादशाह हैं, किसी को कम न आंके।
मुश्किलें सभी के ऊपर हज़ार हैं, पर यूँ ही बेवजह ना झांके।।-
✍️~"बादशाह की चोरी - एक हिम्मत"~
वक्त आया ही कब था जो जाता, आखिर गुहार कर दी।
बादशाह सिंहासन से उठाने की मंजूरी स्वीकार कर दी।
बेनज़ीर थी बंदिशें पर बादशाह हमने दरबार पार कर दी।
हिम्मत तो ज़रा न था, बस शिकायतों ने शर्मशार कर दी।-
हूँ मैं गर खतावार ताे बेशक मुझे सजा दीजिए
हाे बादशाह या फिर फकीर उसे ये चेता दिजिए
गर हक गाेई बगावत है ताे
आप बगाबत ही समझिये
जालिमाें काे गर जुल्म पर न टाेका जाये
ताे मेरी ये कलम से अदावत ही समझिये-
मूर्ख स्त्री पति को गुलाम बनाकर खुद ही
गुलाम की पत्नी बन जाती है...
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पर जो बुद्धिमान है वो पति को बादशाह बनाकर
ख़ुद,रानी बन जाती है...
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दुनियां के रीति रिवाजों से आजाद हूं मैं.....
तन्हा गलियों का बादशाह बेताज हूं मैं......
दुनियां में इक नये दौर का आगाज हूं मैं......
सुनना चाहे जिसे हर कोई ऐसा राग हूं मैं......-
किसी के लिए मैं रोऊँ ... कभी नहीं..
जिसकी किस्मत मैं रहूंगी, वो बादशाह होगा अपने शहर का..!-
"इतिहासकारों" को विशाल इमारतों के लिए,
याद रहे जिस "काल" में इमारतें बनी थी
उस काल के "बादशाह के नाम",
पर "इमारतों" को तो याद होंगे
जिसने वो इमारतें बनाई
बस उन "शिल्पकारों के नाम"..!!!
:--स्तुति-