SHEETAL ❤️   (शीतल ✍️)
135 Followers · 21 Following

read more
Joined 16 May 2021


read more
Joined 16 May 2021
21 OCT 2023 AT 8:50

No family is perfect but
We have only one family.

-


7 JUL 2023 AT 22:07

........

-


12 JUN 2023 AT 1:21

ज्यादा कुछ नहीं लिखती मैं,
बस चाय को मोहब्बत लिख दिया करती हूंँ...!

-


8 JUN 2023 AT 12:15

माना की प्रेम में इंतजार का होना लाज़मी है लेकिन
किसी को इतना भी इंतज़ार मत करा देना कि,
फिर उसको तुम्हारे बिना रहने की आदत हो जाए…!

Sheetal✍🏼

-


25 FEB 2023 AT 21:30

जब मुझसे मिलने आना तो
लोगों की तरह मेरे लिए कोई तोहफा या फूल मत लाना
बस थोड़ा सा वक्त लेकर आना ताकि
शाम में बनारस की गलियों और घाटों पर सुकून से घुमा जाए,
ख़ूब सारी बातें किया जाए और
जब लगे कि
अब चलना चाहिए तो
बनारस की एक कप चाय पिया जाएगा...

-


19 JUL 2022 AT 12:19

पिताजी गणित है
कठिन, समझ में नहीं आते
लेकिन सत्य भी वही है।

और मांँ?
मांँ... प्रेम है, साहित्य है,
जो सत्य को समझना सिखाती है
जिससे हम समझने लगते हैं, गणित।

-


9 JUN 2022 AT 12:07

प्रेम में मुझे पूजा का
वो कलश नहीं बनाना है,
जो पूजा में तो सबसे पहले
स्थापित किया जाता है परन्तु,
सबसे पहले विसर्जित भी किया जाता है..!

प्रेम में मुझे वो हविष बनाना है,
जो पूजा में तो सबसे बाद में आता है परन्तु,
वहांँ की प्रकृति और वातावरण को
पवित्र और सुगंधित कर देता है..!

-


15 MAY 2022 AT 12:38

जब हम रो नहीं पाते
सुख से सो नहीं पाते
जब हम खो नहीं पाते
तब... बचपन याद आता है,
जब चिंता सताती है
हमारे तन को खाती है
जब भी मन नहीं मिलता
तब... बचपन याद आता है,
जब हम टूट जाते हैं
अपने रूठ जाते हैं
जब सपने सताते हैं
तब... बचपन याद आता है,
बच्चे रह नहीं जाते
बड़े हम हो नहीं पाते
खड़े भी रह नहीं पाते
तब... बचपन याद आता है,
किसी को सह नहीं पाते
अकेले रह नहीं पाते
किसी से कह नहीं पाते
तब... बचपन याद आता है,

--- Ashutosh Rana

-


9 MAY 2022 AT 13:08

उन्होंने मेरे मुस्कुरानें की वजह पूछी,
और मैंने चाय का नाम ले लिया...!

-


8 MAY 2022 AT 17:08

वो "मांँ" ही होती है,
जिसके आंँचल तले धरती पर भी जन्नत महसूस होती है...
वो "मांँ" ही होती है,
जो ख़ुद के अश्कों को छुपा कर हम पर खुशियांँ लुटाती है..
वो "मांँ" ही होती है,
जो हमारी खुशी के लिए ख़ुद के दुखों को भूल जाती है...
वो "मांँ" ही होती है,
जो बिना कुछ कहे हमारी बातों को समझ जाती है...
वो "मांँ" ही होती है,
जिसको ख़ुद से ज्यादा ख़ुद के परिवार की चिंता होती है...
वो "मांँ" ही होती है,
जो हमारी मुश्किल घड़ी में एक योद्धा बन जाती है...
वो "मांँ" ही होती है,
जो अपने बच्चों के लिए पूरी कायनात के लड़ जाती है...

-


Fetching SHEETAL ❤️ Quotes