हम किसी के, हो न पाए,
ये भी तो एक खूबी है...
हमसे न कोई दिल लगाए,
ये भी तो एक खूबी है...
न खुशियां हमारी, न ग़म की बारी,
शांत मेरा जहां रहे...
जो देर से कभी घर को आए,
तो कोई न पूछे, कहा गए...
आवारा सी ये जिंदगी है,
हम भी आवारा ही हो गए...
कोई न हमको रास आया,
जबसे हमें वीरान करके वो गए...
हम किसी के, हो न पाए,
ये भी तो एक खूबी है...
हमसे न कोई दिल लगाए,
ये भी तो एक खूबी है...-
एहसास की दुनियां कलम से दिखाता हूं ।
शायर हूं यारों जज़्बात कलम से समझा ... read more
मैं चाँद तो नहीं, ये मालूम है मुझे...
लेकिन जब वो मुझे चाँद कहती है,
तो अच्छा सा लगता है।
मैं उसकी जान तो नहीं, मालूम है मुझे...
लेकिन जब वो मुझे जान कहती है,
तो अच्छा सा लगता है।
मैं बच्चा तो नहीं, मालूम है मुझे...
लेकिन जब वो सिर पे हाथ फेर देती है,
तो बच्चा सा लगता है।
मुझपे लाल रंग जचता तो नहीं, मालूम है मुझे...
लेकिन जब वो लाल रंग पहनने को बोल देती है,
तो वो जचता सा लगता है।-
जो वेदना उसके दिल की सुनी,
धार बह गई इन आँखों से।
रोते-रोते फिर चिल्ला उठा,
"क्यूँ रुलाते मुझे इन बातों से?"
जो घाव दिल में हो लिए,
उन घावों को दिल में ही रखो।
यूँ खोल के इन घावों को,
क्यूँ दिखलाते सबको राहों पे?
जो वेदना दिल में तेरे,
तेरे दिल में ही रह जाने दे।
ये दर्द तुम्हारा तुम ही रखो,
क्यूँ दर्द फैला रहे तुम बातों से?
न फैला तू ये वेदना,
सिर्फ एक दिल को ही ज़ख़्मी रह जाने दे।
सिर्फ एक दिल को ही ज़ख़्मी रह जाने दे।
सिर्फ एक दिल को ही ज़ख़्मी रह जाने दे।-
Jo na miti yadein teri,
To Khud me aag laga lunga....
Mein Teri yaadon ko mita dunga...(2)
Jo jakhm diye, jo ghav diye,
Wo ghav sabko dikha dunga....
Me teri hasti jala dunga...(2)
Jo rakeeb se muhobbat hai tumhe,
Uss rakeeb ko tumse bacha lunga....
Me teri muhobbat ko mita dunga....(2)
Jo kabhi dikh gyi mujhe kisi mod pe,
Me usi mod pe nara laga dunga....
Bewafa bewafa chilla dunga....(2)-
गुमान चांद को खुदपे है,
उसने अभी तुमको देखा नहीं है न....
सिर्फ एक दिन पूरा चमकता तो इतना गुरूर,
उसने अभी तुम्हारे चेहरे के नूर से आंखों को सेका नहीं है न....
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Wo kayamat aane ka intzaar karte hain....
Hum kayamat ke saath hi rehte hain....
Fark itna hai wo kayamat me marne ko bethe hain....
Or hum kayamat par hi marr bethe hain....-
तन्हाई में सादगी तो रखोगे ही,
नीयत तो बस उसे देखकर ही फिसलती है....
जैसे ही वो घर से बाहर निकले,
तो उसे छूने को हवाएं भी तेज चलने लगती हैं.....
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जीवन का एक अध्याय बहुत निराला है,
बताता हूं कि कैसे एक पिता ने बेटे को पाला है....
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पढ़ाया लिखाया दुनियां में लाया,
फिर दुनियां में जीने के काबिल बनाया है...
पिता ने बेटे को जीना सिखाया है....(2)
जो झुका नहीं कभी किसी के आगे,
बेटे को न झुकना पड़े इसलिए उसने सर नबाया है...
पिता ने बेटे के लिए आत्म सम्मान झुकाया है....(2)
प्यार करता है वो बेटे से सबसे ज्यादा,
पर कभी उसे पूरी तरह न जताया है....
पिता को बेटे से प्यार जताना कहां आया है....(2)
बेटा जब भी गिरा, तो उठाना उसने सिखाया है,
अपने आंसू छुपाकर, बेटे को हंसाया है.....
पिता ने बेटे को बनाया है....(2)-
Wo kona milke bna do diwaron se,
lekin fir bhi akela hai....
Koi baat na karta uski,
Na jane usne kitna dard jhela hai....-
wo khudko Kehte rahe masook,
lekin kisi or ne anshu bahaye humari kabra pe...
Wo aaye.... Hume mara dekh chale gye,
Kash beth jate akhiri baar mere pass zara sabra se...-