जीवन में आगे उनके साथ बढ़ना था हमें,
उन्होंने हाथ न थामा, तो हम एक ही जगह बैठे रह गए...
मुकम्मल न इश्क़ हुआ, न तबीयत से दोस्ती हुई,
और कम्बख़्त हम ख़ुद को तन्हाई में ही डुबोते रह गए...
इस लंबी, काली और शांत रात में कोई न मिला हमें,
और रात भर उनकी याद में तकिए भिगोते रह गए...
सुबह होने को थी और आँख लग गई हमारी,
कम्बख़्त होश न रहा दफ़्तर का, और हम सोते रह गए...
जीवन में आगे उनके साथ बढ़ना था हमें,
उन्होंने हाथ न थामा, तो हम एक ही जगह रोते रह गए...-
एहसास की दुनियां कलम से दिखाता हूं ।
शायर हूं यारों जज़्बात कलम से समझा ... read more
Karte rahte, hum unka intezaar ta-umr,
Wo jo keh dete — "der se aa paayenge"...
Hum ab intezaar karein bhi to kaise?
Unhone to keh diya — "hum tumhare na ho paayenge"...-
घास बोली पेड़ से –
"तेरी जड़ों की गहराई ने मुझे थामा है,
तू न होता तो मेरी साँसों का सहारा न होता..."
पेड़ ने मुस्कुरा कर कहा –
"तेरी हरियाली ने मेरी जड़ों को जीवित रखा है,
तू न होती तो मैं इतना विशाल कहाँ होता..."
घास बोली –
"तेरी छाँव में सुकून है,
तेरे साए में मेरी दुनिया पलती है..."
पेड़ बोला –
"और तू है तो जड़ों में जीवन है,
वरना मेरा तन तो बस सूनी सी बस्ती है..."
घास बोली –
"तेरे संग मैंने मौसम बदलते देखे,
हर आँधी–तूफ़ान में तेरा धैर्य सीखा..."
पेड़ मुस्कुरा कर बोला –
"और मैंने तुझसे विनम्रता पाई,
धरती से जुड़कर रहना तुझसे ही सीखा..."-
मैं तेरा हाल पूछने आया था,
एक सवाल पूछने आया था...
पता था मुझे जवाब उसका,
पर तेरे मुँह से, तेरी आवाज़ से सुनने आया था...
जानता था दिल नहीं तेरे पास तेरा,
फिर भी उसे तेरे पास खोजने आया था...
मैं तेरा हाल पूछने आया था,
एक सवाल पूछने आया था...
तू सहमी-सहमी सी लगती थी,
तो तेरी हिम्मत बन-ने मैं आया था...
सुना था गहरे ज़ख्म हैं तेरे दिल में,
तेरे हर जख्म पर मरहम रखने को आया था...
तेरी आँखों से बहते दर्द को रोक कर,
तेरे चेहरे पर फिर से मुस्कान लौटाने आया था...
मैं तेरा हाल पूछने आया था,
एक सवाल पूछने आया था...-
Aashiq ko patthar jaise taane marta hai ye zamana,
Na samajh paaye jo kabhi ishq aur pyaar ka afsana...
Yahan log khud kagaz ka dil liye baithe hain,
Aur kehte hain — bura hai kisi se iktarfa dil lagana...-
मैं अपने मुक़ाम को आज अंजाम देना चाहता हूँ,
तेरे होंठों की मिठास से अपना जाम लेना चाहता हूँ...
फिर होश रहे या बिखर जाए हर एहसास,
मैं तेरे आलिंगन में खोकर अब आराम लेना चाहता हूँ...
मैं अपनी मदहोशी में तेरा हाथ थाम लेना चाहता हूँ,
तेरे दिल की धड़कनों को अपने दिल की धड़कनों से बाँध लेना चाहता हूँ...
तेरी साँसों की गरमी, तेरी आँखों की नमी,
इन सबको अपने दिल की किताब में नाम देना चाहता हूँ...
तेरे प्यार से अपनी दुनियां को नया आयाम देना चाहता हूँ,
मैं अपने मुक़ाम को आज अंजाम देना चाहता हूँ...-
सूरज से पहले जाग के,
सूरज को चिढ़ाने आया था मैं.... 🌄
सूरज छुपा रहा बादलों की रज़ाई में,
तो सूरज को चिढ़ा न पाया था मैं... ☁️
पर देखे नज़ारे कई,
कई नज़ारों को आँखों में बसाया था मैं.... 👀
जो कुछ नज़ारे मेरे हाथ में आए,
उन्हें तस्वीरों में सहेज लाया था मैं.... 📸
सूरज से पहले जाग के,
सूरज को चिढ़ाने आया था मैं....🌄-
Unka mann bhar gaya, aur sansaar mera khaali hua,
Phool le gaya koi aur, aur main uske dil ka maali hua.-
किनारे पे खड़ा सोचता था,
ये किनारा उस किनारे से दूर क्यों है...?
प्यास तो प्रेम की दोनों में एक-सी,
फिर ये प्यार अधूरा रहने को मजबूर क्यों है...?
न प्यास बुझ सकती है,
न दिल सँभल सकता है... (2)
इतने पास होकर भी,
ये किनारे तन्हाइयों में मग़रूर क्यों हैं...?
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Let’s make this night a little longer,
Our smiles and joy are growing stronger.
Let’s stretch this journey, let’s not delay,
We’re dancing, laughing, all the way.
Why stop now when the fun’s alive?
With every cheer, our spirits thrive.
Every song, every laugh we share,
Turns this trip into a memory rare.
So let’s keep moving, hearts so free,
Together we’re pure energy.-